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    पाकिस्तान

    पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने कहा कि पाकिस्तान चीन-पाक आर्थिक गलियारे की सूचना साझा करने को तैयार है। उन्होंने अमेरिका के आरोप कि, चीन के कर्ज के कारण पाकिस्तान की आर्थिक सेहत बिगड़ी है, को नकारा है।

    आईएमएफ के साथ बैठक के बाद पाकिस्तान लौटे वित्त मंत्री ने कहा वैश्विक नेतृत्व ने यह निर्णय सभी सदस्य देशों के साथ बातचीत के बाद लिया है।

    वित्त मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के बाबत आगामी बातचीत के लिए आईएमएफ के अधिकारी 7 नवंबर को इस्लामाबाद के दौरे पर आएंगे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान पर अभी 9 बिलियन डॉलर का कर्ज है जो आईएमएफ सहित अन्य सहयोगियों से जुटाया जाएगा।

    आईएमएफ की निदेशक ने पाकिस्तान को साफ कहा है कि वे इस्लामाबाद के कर्ज का आंकलन में पारदर्शिता बरतेंगी चाहे वह 50 बिलियन डॉलर की सीपीईसी परियोजना ही क्यों न हो।

    बीते शुक्रवार को अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान पर कर्ज के बोझ की वजह चीन है। साथ ही उन्होंने कहा पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज देने से पूर्व आईएमएफ हर कोण से कर्ज का आंकलन करेगा। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान ने आईएमएफ से आधिकारिक सहायता का अनुरोध किया है जो पूरी जांच के बाद ही मुहैया कराया जाएंगी।

    असद उमर ने कहा कि अमेरिका आईएमएफ का 16.5 फीसदी स्टेकहोल्डर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की किसी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया है। पाकिस्तान के समक्ष आईएमएफ के अलावा कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं था।

    असद उमर ने कहा कि सरकार को कुछ कठिन निर्णय लेने होंगे जो अवाम के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। सरकार को आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को निभाना होगा। उन्होंने कहा पाकिस्तान आईएमएफ के साथ सीपीईसी की सूचना साझा करेगा।

    अन्य मित्र राष्ट्रों से सहायता के बाबत उन्होंने कहा कि उन देशों के साथ संपर्क साधा हुआ है। पाकिस्तान चीन और सऊदी अरब से मदद मांग सकता है।

    वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक वातावरण पाकिस्तान के प्रतिकूल है इसलिए आईएमएफ के दरवाजे पर जाने से पूर्व सरकार ने लगातार विचार किये। इस वक्त पाकिस्तान पर 12 बिलियन डॉलर का आर्थिक कर्ज है जो केवल आईएमएफ नहीं चुका सकता।

    वित्तमंत्री ने अमेरिका तथ्यों को खारिज करते हुए कहा कि पाकितान का सालाना घाट 12 बिलियन डॉलर है जबकि चीन को 300 मिलियन डॉलर चुकता करने है। इस बात से पाकिस्तान ने अमेरीकी प्रतिनिधियों को भी अवगत करा दिया है।

    इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा है कि आईएमएफ कर्ज के बदले पाकिस्तान से सीपीईसी को बहुत हद तक छीन सकता है।

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण भी पाकिस्तान में आर्थिक घाटा बढ़ा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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