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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि आर्थिक संकट के बादल हटाने के लिए पाकिस्तानी सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और मित्र देशों आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाएंगी।

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान के मुताबिक सरकार सऊदी अरब और चीन के दरवाजे पर आर्थिक मदद के लिए दस्तक देगी। चीन और सऊदी अरब ने इससे पूर्व पाकिस्तान को आर्थिक मदद मुहैया करवाई थी।

    इमरान खान ने कहा कि अभी 18 बिलियन डॉलर की राशि की जरुरत है। हमारे पास लोन की किश्त चुकता करने के लिए पर्याप्त डॉलर मौजूद नहीं है। हमने विचार विमर्श करके आईएमएफ और होने मित्र देशों के पास आर्थिक मदद के लिए जाना बेहतर समझा।

    इमरान खान ने बताया कि आईएमएफ से बीते पांच वर्षों में दूसरी दफा कर्ज ले रहे हैं। नतीजतन आईएमएफ सरकार के समक्ष कठिन शर्ते रख सकता है। हालाँकि अंत में हमने अंतर्राष्ट्रीय संघठन से वार्ता करने का निर्णय लिया।

    इंडोनेशिया के बाली में आयोजित आईएमएफ और संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में पाकिस्तानी वित्त मंत्री असद उमर असद अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। मंगलवार को पाकिस्तानी मुद्रा में 7 फीसदी की गिरावट आयी थी। दिसंबर के बाद यह पांचवी बार है जब पाकिस्तानी मुद्रा में कमी आयी है।

    इमरान खान और असद उमर अपने पहले आधिकारिक दौरे पर सऊदी अरब गए थे। इमरान खान ने दौरे के दौरान ऐलान किया कि चीन-पाक आर्थिक गलियारे में सऊदी तीसरा साझेदार और निवेशक होगा। हालाँकि सरकार ने बादमे इस ऐलान पर यू टर्न ले लिया।

    चीनी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा के दौरान कहा था कि चीन का निवेश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को उभारने में मदद करेगा।

    इमरान खान ने कहा पूर्व सरकार ने हमें 18 बिलियन डॉलर के घाटे का इनाम दिया है। यह देश के इतिहास में सबसे बड़ा घाटा है। उन्होंने कहा अवाम मज़बूत बनी रहे और घबराये नहीं। यह थोड़े मुश्किलात के दिन है जो जल्द ही गुज़र जायेंगे।इमरान खान ने आईएमएफ से मदद और कर्ज लेने के लिए पूर्व सरकारों की आलोचना की थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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