आर्थिक आपदा के निपटान के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इंडोनेशिया में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक में शरीक हुए है। आईएमएफ के निदेशक क्रिस्टीन लगार्डे ने कहा कि पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज के लिए वास्तविक कर्ज के विषय में जानकारी देनी होगी।
निदेशक ने कहा कि अपना हर कार्य आईएमएफ पूरी सूझबूझ और पारदर्शिता के साथ करता है। पाकिस्तान को अन्य देशों से लिए गए कर्ज की रकम, प्रकृति और नियमों के विषय पूरी जानकारी आईएमएफ को देनी होगी। उन्होंने कहा पाकिस्तान को संप्रभु सरकारों और उद्योगपतियों से लिए गए कर्ज की स्थिति के विषय में आईएमएफ को सूचित करना होगा ताकि अधिकारी वास्तविक कर्ज का आंकलन कर सके।
निदेशक के इस बयान से पाकिस्तान पर चीन से लिए कर्ज का खुलासा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तान चीन की महत्वकांशी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का साझेदार है।
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने लोन के लिए आईएमएफ की ओर रुख करने का ऐलान किया था। सूत्रों के मुताबिक सरकार को आर्थिक संतुलन के लिए 12 बिलियन डॉलर कर्ज की जरुरत है।
क्रिस्टीन लगार्डे ने बताया कि पाकिस्तानी वित्त मंत्री असद उमर से उनकी मुलाक़ात नहीं हुई और न ही उन्होंने कोई सहयोग के लिए आधिकारिक अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी प्रतिनिधियों से आईएमएफ गुरूवार को मुलाकात करेगा।
पाकिस्तान के चीन से समझौते के कारण आईएमएफ से कर्ज लेना संकट उत्पन्न कर सकता है। अमेरिका ने जुलाई में आईएमएफ को चेतावनी थी कि पाकिस्तान को कोई कर्ज न दिया जाए। बैलआउट पैकेज के लिए चीन से मदद मांगे।
अमेरिका ने चीन पर कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा चीनी कंपनी विकाशील देशों को कर्ज देकर उनके जमीन पर अपना दावा ठोकती है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आईएमएफ से कर्ज लेने के इच्छुक नहीं थे लेकिन स्टॉक और करेंसी बाजार में संकट के कारण उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था।