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    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

    आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान से आईएमएफ ने चीनी आर्थिक सहायता की जानकारी मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज देने से पूर्व चीनी मदद की राशि का खुलासा करने के लिए कहा है। आईएमएफ पाकिस्तान में पाकिस्तान के साथ अधिकारिक वार्ता और आर्थिक मदद की समीक्षा कर रहा है।

    बातचीत के अंतिम पड़ाव पर पाकिस्तान ने आईएमएफ ने पाकिस्तान के समक्ष मुश्किल शर्त रख दी है। पाकिस्तान को आर्थिक आपदा से निपटने के लिए बैलआउट पैकेज की जरुरत है। इससे पूर्व आईएमएफ ने कहा था पाकिस्तान को 150 बिलियन डॉलर कर में वृद्धि करनी चाहिए। साथ ही आईएमएफ ने चीनी कर्ज की सारी जानकारी का खुलासा करने को कहा था।

    पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने सोमवार को कहा था कि अधिकारिक बातचीत सकारात्मक सन्देश दे रही है हालांकि मतभेद अभी भी है। उन्होंने कहा कि हमारे और आईएमएफ की स्थितियों में अभी भी अंतर है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के 3 अरब डॉलर सहायता देने के वादे से 1 अरब डॉलर पाकिस्तानी बैंक में पहुंच चुका है और शेष रकम अगले कुछ दिनों में आ जाएगी।

    चीन की आर्थिक सहायता के बाबत वित्त मंत्री ने कहा कि चीनी आर्थिक मदद पूर्ण रूप से पारदर्शी है और बकाया कर्ज की जानकारी समझौते के तहत आईएमएफ को सौंप दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक आईएमएफ की टीम ऊर्जा क्षेत्र की योजना से संतुष्ट नहीं है और चाहती है कि सरकार बिजली दरों में शुल्क बढाये।

    पाकिस्तान का हालिया घाटे में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है और वित्त वर्ष जून तक खत्म होने तक 18 बिलियन डॉलर हो जायेगा। यह घाटा पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद का 6.6 प्रतिशत है।

    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान आर्थिक सहायता के लिए 2 नवम्बर को चीन के दौरे पर गए थे। ख़बरों के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर मदद देने का वादा किया था लेकिन चीन ने इसका सार्वजानिक खुलासा करने से मना किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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