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    चंद्रबाबू नायडू: आंध्र प्रदेश की खातिर पीएम नरेंद्र मोदी को 'सर' कहकर बुलाया, फिर भी विशेष दर्ज़ा नहीं मिला

    राज्य को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा दिलवाने की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया गया। इस बंद में राज्य के तमाम संगठनों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

    राज्य में सत्ता आसीन तेलगु देशम पार्टी ने इस बंद का नेतृत्व किया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने बंद के जरिये केंद्र सरकार के सामने ‘आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014’ के तहत किए गए वादों को पूरा करने व राज्य को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने की माँग रखी है।

    खबरों के अनुसार राज्य में घोषित बंद के चलते आम जनजीवन को कोई खास दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है। लगभग सभी स्थितियाँ सामान्य ही रहीं है।

    हालाँकि राज्य के कुछ शहरों में राज्य बस सेवा प्रभावित होती देखी गयी है। राज्य के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार ‘राज्य में बंद का आयोजन पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से हुआ है, ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।’

    माँगों को लेकर आयोजित बन्द के तहत अपनी नाराजगी को दर्ज करने के लिए राज्य के मुख्य मंत्री चन्द्रबाबू नायडू काली शर्ट और लुंगी में नज़र आए। इसी के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने भी काले कपड़े पहन अपना विरोध दर्ज़ कराया है।

    वहीं विजयवाड़ा में टीडीपी और कॉंग्रेस ने साथ मिलकर बसों के संचालन को प्रभावित करने की कोशिश की है। इसी के साथ ही दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने केंद्र का विरोध करते हुए नारेबाजी भी की है। ऐसे में कुछ विरोधकर्ताओं ने सड़क पर लेटकर ट्रैफिक की आवाजाही को भी प्रभावित करने की भी कोशिश की है।

    गौरतलब है कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टियां वाईएसआर कॉंग्रेस और जन सेना पार्टी ने इस बन्द से अपनी दूरियाँ बनाए रखीं है।

    मालूम हो कि राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्यव्यापी विरोध को 10 फरवरी तक जारी रखने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नायडू ने मीडिया को बताया है कि अब वे जनता के बीच जाकर ये लड़ाई लड़ेंगे और इसका फैसला भी अब जनता ही करेगी।

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