Mon. Nov 18th, 2024
    ताइवान के जलमार्ग से गुजरा अमेरिकी जहाज

    चीन के आधिपत्य वाले ताइवान को अमेरिका के समर्थन के कारण दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव काफी हद तक बढ़ सकता है। ताइवान और चीन के मध्य संघर्ष जारी है।

    रायटर्स के मुताबिक अमेरिकी मिलिट्री के बयान के मुताबिक “दो जहाज नेवी कर्टिस विल्बर विध्वंशक और कोस्ट गार्ड बर्थोलफ कटर ने ताइवान के जलमार्ग से गुजरे थे। यह अमेरिका की मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।”

    उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय कानून की इजाजत के मुताबिक अमेरिका उड़ान भरना, नौचालन और संचालन करना जारी रखेगा।” इस पर चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “ताइवानी जलमार्ग के दक्षिण पश्चिम से अमेरिकी जहाज गुजरे थे और उत्तरी दिशा की तरफ बढे थे। ताइवान की सेना तटीय सीमा क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता की प्रगति के लिए इस पर निगरानी बनाये हुए हैं। कुछ भी असाधारण नहीं देखा गया है और इसमें चिंता का कोई कारण नहीं है।”

    अमेरिका और चीन के रिश्तों को तल्खपूर्ण बनाने के लिए ताइवान एक उभरता हुआ मुद्दा बन रहा है। इसके आलावा दोनों राष्ट्रों के मध्य व्यापार युद्ध, अमेरिकी प्रतिबन्ध, विवादित दक्षिणी चीनी सागर पर चीन का सैन्यकरण है। ताइवान के साथ वांशिगटन का कोई आधिकारिक सम्बन्ध नहीं है।

    पेंटागन के मुताबिक अमेरिका ने साल 2010 से ताइवान को 15 अरब डॉलर के हथियार निर्यात किये हैं। इस द्वीप पर अपनी सम्प्रभुता को बचाने के लिए चीन दबाव बनाने के प्रयास में जुटा है।

    अमेरिका के ख़ुफ़िया विभाग के द्वारा बीते माह जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन के सैन्य आधुनिकरण के लिए ताइवान प्राथमिकता है। चीन और ताईवान के मध्य साल 1949 से तनातनी का दौर चल रहा है। चीन ताइवान पर अपने अधिकार का दावा करता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश कहता है।

    सूत्रों के मुताबिक जापान के ताइवान को मुक्त करने के बाद चीन ने ताइवान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। चीन केवल ताइवान ही नहीं बल्कि सभी मंगोल देशों और अरुणाचल प्रदेश को भी अपना हिस्सा मानता है।

    ताइवान को चीन अपने देश का हिस्सा मानता है और एकीकरण के लिए इंतजार कर रहा है, फिर चाहे जबरन ही क्यों न हो। साल 1949 में हुए गृह युद्ध के बाद ताइवान अपने भूभाग में स्वतंत्र राज कर रहा है। हाल ही में अमेरिका और ताइवान के मध्य हुए समझौते से चीन की चिंताए बढ़ी हुई हैं। अमेरिकी विभाग ने ताइवान को समुन्द्री तकनीक बेचने के लाइसेंस की अनुमति दे दी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *