अफगानिस्तान में बीते 17 वर्षों से जारी जंग की समाप्ति के लिए अमेरिकी अधिकारी सोमवार को तालिबान के साथ वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे। यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात में होगी। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह ने ट्वीटर पर बताया कि इसमें सऊदी अरब, पाकिस्तान और यूएई के प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अबू दाभी में बैठक अफगानिस्तान के विवाद के अंत करने के प्रयास का एक भाग है। उन्होंने कहा कि हमने लम्बे अरसे से कहा कि अफगान युद्ध की समाप्ति तभी संभव है जब अफगानी भी साझा सामन के साथ बैठा और अपने भविष्य के राजनीतिक रोडमैप पर चर्चा करें।
यूएई में शांति वार्ता
अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़लमय खलीलजाद पूर्व में कई शांति के समर्थकों से मुलाकात कर चुके हैं और आगे भी जारी रखेंगे। इस विवाद का बातचीत से अंत के लिए तालिबान सहित सब्भी इच्छुक पार्टियों से मुलाकात करेंगे। अफगानिस्तान की बख्तर न्यूज़ एजेंसी के निदेशक खलील मिनावी ने कहा कि अमेरिकी अधिकारीयों, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और यूएई की मुलाकात पहले रविवार को होगी, इसके बाद पाकिस्तानी समर्थित अमेरिकी-तालिबान की बैठक आयोजित होगी।
इस बैठक में अफगानिस्तान के अधिकारी उपस्थित नहीं होंगे। तालिबान ने अफगान सरकार के साथ सीधे बातचीत के लिए इनकार दिया था। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार अमेरिका के हाथों की कटपुतली है और तालिबान ने सिर्फ अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत को हामी भरी थी।
ज़लमय खलीलजाद की पाक पीएम से बातचीत
अमेरिका के राजदूत खलीलजाद ने पूर्व में कहा था कि उन्होंने सभी अफगानी लोगों के बैठक का आयोजन किया है जो इस विवाद में शामिल है। साथ ही तालिबान जिसका अफगानिस्तान के आधे से अधिक भाग पर नियंत्रण है। तालिबान ने हाल ही में जारी बयान में कहा था कि उन्होंने खलीलजाद के साथ बातचीत के लिए क़तर में लगातार तीन दिन तक मुलाकात की थी।
ज़लमय खलीलजाद ने कहा कि वह अफगानिस्तान में 20 अप्रैल राष्ट्रपति चुनावों से पूर्व समझौते तक पहुंचना चाहते हैं। इस माह के शुरुआत में खलीलजाद ने पाकिस्तान में प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ मुलाकात की थी और पाकिस्तान से तालिबान को वार्ता के लिए राज़ी करने को कहा था।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान यूएई वार्ता का आयोजक है और कहा कि इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है।
अमेरिका का पाकिस्तान पर इल्जाम
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए रत्ती भर भी कार्य नहीं किया है, सिर्फ अमेरिका से करोड़ों रूपए वसूले थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण पाकिस्तान ने पिछले 15 वर्षों में 33 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि मुहैया की है और पाकिस्तान ने हमें झूठ और धोखा दिया है, वह हमारे नेताओं को मूर्ख समझता है।