अमेरिका के राज्य विभाग के प्रवक्ता माइक पोम्पिओ ने बुधवार को ऐलान किया था कि “जब मानव अधिकार के उल्लंघन की बात आती है तो चीन अपने ही गुट में होता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साल 1930 से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के शिविरों में चीन ने घेरेबंदी कर रखी है।
गार्डियन के मुताबिक अमेरिका और चीनी सरकार के मध्य हुआवेई और व्यापार वार्ता पर गतिरोध जारी है और तनाव में काफी वृद्धि हुई है और ऐसे में उइगर मुस्लिमों का मामला दोनों देशों के संबंधों को खट्टा कर सकता है। चीनी कम्युनिकेशन दिग्गज अमेरिकी मार्किट पर दोबारा अपना कब्ज़ा कायम करने के लिए उत्तेजित हैं।
विदेशी जानकारों, सॅटॅलाइट तस्वीरों और सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक बिना ट्रायल के लगभग 10 लाख उइगर, कजाख और अन्य मुस्लिमों को यहां बंदी बनाकर रखा गया है, जो चीनी पार्टी के प्रति वफादार बन सके।
चीन के पश्चिमी इलाके के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए नजरबंद शिविर बोर्डिंग स्कूल की तरह है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा चीन के नज़रबंदी शिविरों के आलोचना के बाद यहां कैदियों की संख्या घटती जा रही है।
रायटर्स के मुताबिक चीन अपने शिनजियांग क्षेत्र के उइगर व अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिमों को कारावास की सज़ा दे रहा है। इसका विदेशी सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने विरोध किया था।
माइक पोम्पिओ ने सालाना राज्य विभाग मानव अधिकार रिपोर्ट के जारी होने पर बयान दिया था। जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब के नेताओं से सावधानीपूर्वक डील कैसे की गयी थी। बीते वर्ष तुर्की के इस्तांबुल में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या हुई थी।
पत्रकार की हत्या इस्तांबुल के सऊदी अरब दूतावास में सऊदी के अधिकारीयों द्वारा ही की गई थी। 2 अक्टूबर को जमाल खशोगी की हत्या की गयी थी, वे आरोपी सरकार के वफादार थे।
जमाल खशोगी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक थे। न्यू यॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से खबर प्रकाशित कर कहा कि वली अहद ने इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या से करीब एक वर्ष पूर्व यही शब्द कहे थे। अखबार के अनुसार अमेरिका के खुफिया विभाग का मानना है कि सऊदी अरब के भावी बदशाह पत्रकार जमाल खशोगी को हत्या करना चाहते थे। हालांकि इसमें गोली न मारने का कोई जिक्र नही है।
अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के मुताबिक पत्रकार की मृत्यु से पूर्व सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने जमाल खशोगी को गोली मारने की बात फ़ोन पर कही थी।
चीन नें आरोपों का किया खंडन
चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग नें प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिका के सभी आरोप का खंडन किया है।
चीन नें कहा कि वह अमेरिका के आरोपों को रद्द करता है और कहा कि चीन उइगर मुस्लिमों का सम्मान करता है।
लू नें कहा कि जबसे चीन की स्थापना हुई है, तबसे लोगों के मानव अधिकार की रक्षा करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
उन्होनें आगे कहा कि हम अमेरिकी सरकार से आग्रह करते हैं कि वे शीत युद्ध जैसी मानसिकता छोड़ दें और चीन को सम्मानपूर्वक देखें।
उन्होनें यह भी कहा कि हम अमेरिका को सलाह देना चाहते हैं कि वे पहले अपने देश में अल्प-संख्यकों के मानवाधिकार की रक्षा करें और फिर किसी दुसरे देश की ओर देखें।