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    चीन अमेरिका व्यापार युद्ध

    अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के अनुसार वर्तमान में चल रहे अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध (ट्रेड वार) के चलते 2018 और 2019 में वैश्विक आर्थिक विकास दर प्रभावित होगी।

    आईएमएफ़ की वर्ल्ड बैंक से साथ वर्तमान में इंडोनेशिया के बाली में चल रही वार्षिक मीटिंग के बाद आईएमएफ़ ने कहा है कि अमेरिका द्वारा आयात कर बढ़ोतरी के साथ ही आयात की बढ़ती माँग के चलते वैश्विक बाज़ार प्रभावित होने की आशंका है।

    इसके पहले आईएमएफ़ ने 2018 और 2019 के लिए वैश्विक आर्थिक विकास दर के लिए 3.9 प्रतिशत का अनुमान लगाया था, जो अब घटा कर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है।

    दरों को घटाने के पीछे अनुमान है कि अमेरिका-चीन के बीच चल रहे आयात कर को बढ़ाने के खेल के चलते वैश्विक व्यापार का बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा। इसके चलते अमेरिका और चीन को भी अपनी आर्थिक वृद्धि की दर से समझौता करना पड़ सकता है।

    आईएमएफ़ ने वर्ष 2019 के लिए अमेरिका की अनुमानित आर्थिक विकास की दर को 2.7 प्रतिशत रखा था, जिसे अब घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह आईएमएफ़ ने चीन की अनुमानित आर्थिक विकास की दर को 6.4 से घटाकर 6.2 कर दिया है।

    आईएमएफ़ का मानना है कि यदि अमेरिका-चीन आपस में सुलह कर लें तो उनकी आर्थिक विकास दर में अधिक उछाल देखने को मिल सकता है।

    आईएमएफ़ के अनुसार अगर अमेरिका-चीन के बीच का यह तनाव इसी तरह से चलता रहा तो वर्ष 2020 तक वैश्विक जीडीपी में 0.8 प्रतिशत तक की गिरावट देखी जा सकती है।

    इसी तरह वर्ष 2019 में ही अमेरिका की जीडीपी में 1.6 प्रतिशत व चीन की जीडीपी में 0.9 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिल सकती है।

    हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका द्वारा आयात किए जा रहे चीनी उत्पादों पर 267 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर लगा दिया है, जिसके बाद चीन ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं।

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