अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर खटपट जारी है। अमेरिका के मुताबिक उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद वांशिगटन प्रतिबंधों को हटाने के बाबत ठोस कदम उठाएगा।
टाइम के मुताबिक उत्तर कोरिया ने गुरूवार को कहा कि वह तब तक अपने परमाणु हथियारों को नष्ट नहीं करेगा, जब तक अमेरिका के समक्ष परमाणु हथियार है।
उत्तर कोरिया के इस बयान से संदेह जाहिर होता है कि किम जोंग उन आर्सेनल को नष्ट करेगा, क्योंकि यह उसके बचाव का एकमात्र विकल्प है।
पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की परिभाषा
किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य जून में सिंगापुर में मुलाकात हुई थी। जहां पर कोरियाई पेनिन्सुला में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे को उठाया गया था और दोनों राष्ट्रों ने इस पर सहमती भी जताई थी। उत्तर कोरिया दशकों से परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे को खींचता जा रहा है। उत्तर कोरिया ने कहा कि दक्षिण कोरिया और जापान के संरक्षण में तैनात सैनिक और हथियार नहीं हटाये जाते, तब तक परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे का विकास संभव नहीं है।
उत्तर कोरिया की चेतावनी
गुरुवार को उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर अपने पारंपरिक बयान को दोहराया और अमेरिका पर सिंगापुर बैठक के दौरान भटकाने का आरोप लगाया था। जारी बयान में कहा कि अमेरिका को अब कोरियाई पेनिन्सुला में परमाणु निरस्त्रीकरण की उपयुक्त परिभाषा बतानी होगी, और भूगौलिक अध्य्यन भी करना होगा।
उन्होंने कहा कि जब हम कोरियाई पेनिन्सुला की बात करते हैं, इसमें हमारे देश का इलाका भी जुड़ा है और साथ ही दक्षिण कोरिया का क्षेत्रीय इलाका भी है जहां अमेरिका ने अपने सुरक्षा कर्मी तैनात कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण की बात होती है तो परमाणु से सम्बंधित सभी खतरों को हटाना चाहिए, न सिर्फ दक्षिण और उत्तर कोरिया से बल्कि पडोसी राष्ट्रों के परमाणु खतरों को भी हटाना चाहिए।
बातचीत ठप
सिंगापुर की बैठक के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य बातचीत ठप पड़ी है। अमेरिका ने उत्तर कोरिया से परमाणु और मिसाइल सुविधाओं की पूर्ण जानकारी मुहैया करने की मांग की है और एक समझौते के तहत पेनिन्सुला को ध्वस्त करने की मांग रखी है।
ट्रम्प प्रशासन के उत्तर कोरिया में तैनात राजदूत ने हाल ही में कहा था कि उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधो को कम करने की नीति पर सरकार कार्य कर रही है।