उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य सुलह के लिए चीन ने बातचीत के लिए आग्रह किया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों राष्ट्र आपस में मिलेगे और अपनी वाजिब चिंताओं को साझा करेंगे।
उत्तर कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक और कूटनीतिज्ञ समर्थक चीन है। हालांकि चीन उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों पर नाराज़ है। बीते वर्ष उत्तर कोरिया के अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत के बाद रिश्तों में सुधार आया था।
बीते जून में उत्तर कोरिया के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य सिंगापुर में ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी। किम्जोंग ने इस शिखर सम्मेलन के दौरान पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद बातचीत प्रक्रिया थम सी गयी थी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उम्मीद हैं कि उत्तर कोरिया और अमेरिका एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे और अपनी वाजिब चिंताओं ओ व्यक्त करेंगे, इससे पेनिन्सुला में परमाणु बातचीत में सकारात्मक तरक्की हो सके। शी जिनपिंग ने कहा कि क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हालत के साथ ही कोरियाई पेनिन्सुला के हालत अभी भी परिवर्तनशील है, इसलिए उत्तर कोरिया और चीन के बीच नियमित बातचीत और समन्वय बेहद जरुरी है।
उत्तर कोरिया के विदेश मन्त्री ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण और कोरियाई पेनिन्सुला में शांति एवं स्थिरता की प्रतिबद्धता में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अमेरिका पर भरोसा बढेगा और एक ही दिशा में अग्रसर होंगे। री योंग शनिवार को चीन से रवाना होकर सीरिया की यात्रा पर जायेंगे।
उत्तर कोरिया के नेता किम जों इन चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए तीन बार चीन आये हैं। जानकारों के मुताबिक जल्द ही शी जिनपिंग जल्द ही उत्तर कोरिया जायेंगे। दक्षिण कोरिया की रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन के न्योते पर चीनी राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के दौरे पर जायेंगे, जो साल 2005 के बाद पहला चीनी नेता का दौरा होता।
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि वह अगले वर्ष की शुरुआत में किम जोंग उन के साथ दूसरी मुलाकात करेंगे।