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अमिताभ बच्चन ने बताया सेल्फी का ये कठिन हिंदी नाम, देखिये यहाँ

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन भले ही ही इस ज़माने के नहीं हो, लेकिन फिर भी वह लगातार कोशिश करते रहते हैं कि आज की पीढ़ी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें। आज के समय में, सेल्फी सबसे ज्यादा चर्चित चीज़ है जिसमे हर इंसान, हर समय, कही भी बैठे बैठे खुद की तस्वीर खींचता रहता है। आम इंसान हो या कोई सेलिब्रिटी, हर कोई सेल्फी गेम में उलझा हुआ है, तो ऐसे में भला हमारे बिग बी कैसे पीछे रह जाते।

बदला अभिनेता सोशल मीडिया पर बहुत सक्रीय रहते हैं, खासतौर पर ट्विटर पर। उन्होंने आज अपनी एक ब्लैक एंड वाइट सेल्फी साझा की है जिसमे उन्होंने बीनी पहनी हुई है। लेकिन इस तस्वीर में सबसे खास बात है उनका कैप्शन जिसमे उन्होंने सेल्फी का हिंदी अनुवाद बताया है। उन्होंने लिखा-“कभी कभी, शीशे में देखना वाजिब होता है। खुद की एक सेल्फी। सेल्फी का हिंदी संस्करण- व्यतिगत दूरभाषित यंत्र से हस्त उत्पादित स्व चित्र व द य स ह उ स च वदय सह उसच।”

इस दौरान, अभिनेता कुछ दिनों से लाइमलाइट में बने हुए हैं क्योंकि उन्हें हाल ही में, प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, बाद में, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में एक विशेष समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। अभिनेता को पहले ही कला और सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म श्री (1984), पद्म भूषण (2001) और पद्म विभूषण (2015) से सम्मानित किया जा चुका है।

काम के मोर्चे पर, अभिनेता को आखिरी बार ‘सई रा नरसिम्हा रेड्डी’ में देखा गया था। इस साल वह अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र’, नागराज मंजुले की ‘झुंड’, रूमी जाफ़री की ‘चेहरे’, तमिल फिल्म ‘उयारन्धा मनिथन’ और शूजीत सिरकार की ‘गुलाबो सीताबो’ में दिखाई देंगे।

By साक्षी बंसल

पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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