पाकिस्तान और अफगानिस्तान

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कल कहा था कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है। इसक जवाब में अब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों का साथ दे रहा है।

अफगानी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में बढ़ रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहिए कितना भी मना करे, लेकिन आतंकवाद इन्हे के देश से निकलकर हमला करते हैं। इसके बाद अशरफ घानी ने डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के दौरान भी पाकिस्तान को इसका जिम्मेदार ठहराया।

घानी ने कहा कि अफगानिस्तान की लड़ाई में पाकिस्तान का बिलकुल भी साथ नहीं मिल रहा है। इसके उलट पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। उन्होंने ट्रम्प की अफगानिस्तान रणनीति पर पाकिस्तान को और काम करने के लिए कहा है।

इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के बारे में कहा था कि वे मिलकर इस मुद्दे को हल करेंगे। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान की लड़ाई के चलते पाकिस्तान ने 2001 से अब तक लगभग 27000 सैनिकों को खो दिया है। इसपर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब इसमें सहयोग नहीं दे सकता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान द्वारा किये कार्यों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और उसे लगातार आतंकवादी देश बताया जा रहा है।

इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अब अमेरिका को इसकी जमीन का इस्तेमाल करने नहीं देगा। उन्होंने बताया कि उनके देश की सम्प्रभुता को इससे खतरा है। उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी सेना को हमारी जमीन से लड़ने नहीं दे सकते हैं।

साफ़ है कि अफगानिस्तान की लड़ाई में अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत है। ऐसे में एक ओर तो पाकिस्तान इसमें अपना सहयोग देने की बात करता है, वहीँ दूसरी ओर आतंकवादियों को शरण देता है।

पाकिस्तान पर भारत ने भी तंज कस्ते हुए कहा था कि पाकिस्तान में अंतराष्ट्रीय आतंकवादी खुले आम घूमते हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में हाफीज़ सईद जैसे आतंकवादी चुनाव लड़ते हैं, और भाषण देते हैं।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।