पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को अपने चीनी समकक्षी से मुलाकात की थी। अमेरिका के अफगानिस्तान से 7000 अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद हालात और जंगी देश में तालिबान की वापसी के बाबत चर्चा की थी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री चार देशों की तीन दिवसीय यात्रा पर है। सोमवार को ईरान और अफगानिस्तान की यात्रा के बाद आज चीन पंहुचे थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी ने चीन के विदेश मन्त्री वांग यी से मुलाकात की थी और अफगानिस्तान की हालिया हालात पर चर्चा की थी।
क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए दोनों राष्ट्रों ने संयुक्त कार्रवाई करने के दृढ संकल्प को दोहराया है। ताकि कनेक्टिविटी का विस्तार और अफगानी नेतृत्व एवं अफगानी स्वामित्व शांति प्रक्रिया पर कार्य किया जा सके।
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते हफ्ते अफगानिस्तान में तैनात 14 हज़ार अमेरिकी सैनिकों में से आधों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम ने उनके साथियों, कूटनीतिज्ञों और काबुल अधिकारीयों को सकते में डाल दिया था।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि उन दोनों को यकीन है कि सेना इस मसले को नहीं सुलझा सकती है। राजनीतिक सुलह इस गतिरोध को रोकने का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि “इस मसले पर कई पार्टिया करीबी वार्ता और रणनीतिक सामंजस्य करने के इच्छुक है। लेकिन दोनों राष्ट्र अपनी दोस्ती को मज़बूत और साझेदारी एवं सहयोग को आधिक में अधिक सुधार करेंगी।
अफगानिस्तान से डोनाल्ड ट्रम्प के सैनिकों की संख्या घटने वाले निर्णय का तालिबान ने स्वागत किया था। अफगानिस्तान और अमेरिका तालिबान को पनाह देने के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाते हैं। चीन भी अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करता है और अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सुलह करने के इच्छुक है।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान से सैनिकों को हटाने का निर्णय पूरा अमेरिका का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति की स्थापना के लिए कार्य कर रहा है और अन्य पार्टियों को इस शांति समझौते में शामिल होने के लिए राज़ी कर रहा है, ताकि अफगानी जनता शांति और विकास का आंनद उठा सके।