मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अन्ना हज़ारे को सुझाव दिया है कि वो ‘निकम्मी’ सरकार के लिए अपनी ज़िंदगी को दांव पर न लगाएँ।
मालूम हो कि देश के जाने माने समाजसेवी और पद्म पुरस्कार विजेता अन्ना हज़ारे अभी लोकपाल संबंधी अपनी मांगों को लेकर अपने गाँव में ही भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
अन्ना की मांग है कि सरकार जल्द ही भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने के लिए लोकपाल और लोकयुक्त की नियुक्ति करे। अन्ना ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया है कि वह 2013 के आंदोलन का सहारा लेकर ही सत्ता तक पहुंची है।
अन्ना से मिलने पहुचे मनसे प्रमुख राज ठाकरे और जाने माने जल आंदोलनकारी राजेंद्र सिंह ने अन्ना से बातचीत की, जिसके बाद ठाकरे ने अन्ना से ‘निकम्मी’ सरकार के लिए जान न देने की गुहार लगाई है।
इसी के साथ ही ठाकरे ने अन्ना से उनके साथ जुड़ कर राज्य से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की बात भी कही है। मालूम हो कि अन्ना हज़ारे और ठाकरे ने धारणा स्थल पर स्थित यादव बाबा मंदिर प्रांगड़ में करीब 20 मिनट तक बातचीत की।
इसी बातचीत के बाद ही राज ठाकरे ने वहाँ उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर धोखा देने का आरोप लगाया। इसी के साथ भाजपा पर चुनावी घोषणा पत्र की बातों का अनुसरण न करने का भी आरोप लगाया है।
ऐसे में भाजपा सरकार के लगभग पाँच साल बीत जाने पर भी लोकपाल की नियुक्ति न होने पर ठाकरे ने एनडीए सरकार को आड़ेहाथों लेते हुए याद दिलाया है कि किस प्रकार 2013 में नरेंद्र मोदी ने लोकपाल बिल का समर्थन किया था।
ठाकरे ने इसी के साथ केजरीवाल पर भी हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल को सभी अन्ना की वजह से ही जानते हैं। अब जब केजरीवाल सत्ता में हैं, तब उन्हे अन्ना के स्वास्थ की भी कोई चिंता नहीं है।
इसके पहले अन्ना ने लोकपाल नियुक्ति न होने की दशा में उन्हे मिला पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने की बात कही है। आज अन्ना के अनसन का छठवाँ दिन है।