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    venus planet in hindi

    विषय-सूचि

    शुक्र ग्रह की जानकारी (venus planet information in hindi)

    क्रम के हिसाब से शुक्र सौरमंडल का दूसरा ग्रह है। यह सबसे गर्म ग्रह भी है। इसका वातावरण घने ग्रीनहाउस गैसों जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड एवं सल्फर डाइऑक्साइड से मिलकर बना हुआ है।

    इन गैसों की कारण कोई भी किरण या बाहरी पिंड शुक्र की सतह तक सीधा नहीं पहुँच पता जिससे यह ग्रह बहुत गर्म रहती है। इसका कोई प्राकृतिक उपग्रह नहीं है।

    शुक्र को एक सक्रिय ग्रह माना जाता है। इसके ऊपर बहुत सारे सक्रिय ज्वालामुखी एवं पहाड़ हैं। यह पृथ्वी से थोड़ा कम भारी है। यह ग्रह इतना गर्म है कि कोई भी धातु यहां पल भार में तैरता हुआ लावा बन जायगा। भले ही इस ग्रह की अभी की परिस्थिति बहुत खतरनाक है, फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है बहुत बिलियन साल पहले इस ग्रह पर जीवन मौजूद रहा हो।

    शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो पृथ्वी एवं दूसरे ग्रहों की मुकाबले उलटे दिशा में सूर्य की परिक्रमा करता है। अपनी धुरी पर इसका रोटेशन बहुत ही धीमा है, जिसके लिए उसे पृथ्वी की अनुसार 243 दिन लगते हैं।

    लेकिन यह सूर्य की पास वाला ग्रह है, इसलिए उसके परिक्रमा करने में उसे पृथ्वी की अनुसार 225 दिन लगते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि शुक्र ग्रह का एक साल उसके एक दिन की मुकाबले थोड़ा छोटा होता है।

    इतिहास में शुक्र ग्रह (history of Planet Venus)

    प्राचीन काल की खगोल वैज्ञानिकों को इस ग्रह की जानकारी थी। शुक्र ग्रह का अंग्रेजी नाम वीनस है जोकि एक रोमन देवता की नाम की आधार पर रखा गया था।

    यह सबसे चमकीला ग्रह भी है, अतः पुराने ज़माने से ही इसको सबसे सुन्दर ग्रह का नाम भी दिया गया।

    शुक्र ग्रह की भौतिक विशेषताएं (Physical Properties of Venus in Hindi)

    भले ही शुक्र ग्रह को सबसे चमकीले ग्रह की रूप में माना जाये, किन्तु असल में इस ग्रह का वातावरण बहुत भयावह है। बहुत ही गर्म सतह होने की कारण कोई भी अंतरिक्ष यान इस ग्रह पर ज्यादा देर नहीं टिक पता एवं जल जाता है, इस कारण इस ग्रह की बारे में जानकारी इकट्ठा करने में कठिनाइयां आती हैं।

    पृथ्वी एवं शुक्र को जुड़वा ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि इन दोनों का भार, आकार, घनत्व,रचना एवं गुरुत्वाकर्षण बल लगभग एक सामान ही है।

    वहां का अधिकतम तापमान 450॰ सेल्सियस छू जाता है। वहां का वायुमंडल इतना गर्म है कि कोई भी बाहरी वस्तु को पल भार में जला देती है। इसके वायुमंडल को सौर मंडल का सबसे घना वायुमंडल माना गया है।

    वहां का सतह दाब (surface pressure) पृथ्वी के मुकाबले 90 गुना ज्यादा है। शुक्र का सतह पूरी तरह से सूखा हुआ है।

    ऐसा कहा गया है कि जब यह ग्रह नया था, सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों की कारण इस ग्रह की सतह का सारा पानी सुख गया और आगे की सालों में यह पिघली हुई अवस्था में रहा।

    खोज एवं जाँच पड़ताल (Research and Exploration of Venus in Hindi)

    संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत यूनियन, यूरोप एवं जापान कि स्पेस एजेंसियों ने इस ग्रह पर अपने कई मिशन भेजे। नासा के मेराइनेर 2 यान ने साल 1962 में इस ग्रह के 34,760 किमी चक्कर काटे।

    सोवियत यूनियन का वेनेरा 7 यान इस ग्रह पर उतरने वाला पहला यान था एवं वेनेरा 9 ने शुक्र की सतह का फोटो भेजने का काम किया।

    नासा की मैनगेलन यान ने राडार की मदद से ग्रह का मानचित्र तैयार किया। जापान का स्पेस मिशन कामयाब नहीं रहा क्योंकि इंजन में खराबी की कारण वो पहले ही नष्ट हो गया।

    साल 2020 की बाद नासा एवं रूस की स्पेस एजेंसी साथ मिलकर शुक्र ग्रह पर मिशन भेजने कि तयारी कर रहे हैं।

    आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

    3 thoughts on “शुक्र ग्रह की जानकारी, विशेषता (Venus Planet)”
    1. Kya near future main shukr graha par jaana humans ke liye possible hai itna garam hone ke baad bhi?

    2. Shukr planet or planets ki tarah sidha rotation Kyu nahi karta hai? Is planet ko ek chakkar lagaane me kitna time lagta hai?

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