Fri. Apr 19th, 2024
    Karnataka CM faces

    Karnataka Elections: आगामी 10 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने राज्य की जनता को रिझाने के लिए अपने दावों और वादों की लंबी फेहरिस्त अपने चुनावी घोषणा-पत्रों (Manifesto) में शामिल किए है।

    कर्नाटक (Karnataka) में इस बार चुनावी लड़ाई मुख्य तौर पर तीन राजनीतिक दलों- वर्तमान में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP), मुख्य विपक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और जनता दल (सेक्युलर- JDS) के बीच है। कल 01 मई को बीजेपी (BJP) ने और आज 02 मई को कांग्रेस ने अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी किए जबकि इस खेल के तीसरे महत्वपूर्ण खिलाड़ी जेडीएस ने अपने घोषणा-पत्र पहले ही कर दी थी।

    यह सच है कि जनता को लुभाने के लिए सभी राजनीतिक दल अपने अपने हिसाब से वायदे करते रही हैं; परंतु अब यह दावे और वादे मुफ्त की सुविधाओं के इर्द गिर्द ज्यादा घूमने लगे हैं। जबसे आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली चुनावों में फ्री की बिजली, फ्री बस यात्रा आदि जैसी घोषणाएं कर के चुनावी सफलता का शॉर्टकट ढूंढा है, सभी राजनीतिक दल इस दिशा में अब अव्वल साबित होने की जुगत में है।

    कर्नाटक चुनावो (Karnataka Elections) के मद्देनजर भी यही कहानी जारी है। इन चुनावी वादों के पिटारे देखें तो कोई 3 गैस सिलेंडर मुफ्त दे रहा है तो कोई 5 सिलेंडर… कोई पार्टी बिजली मुफ्त देने की बात कर रही है तो कोई ‘नंदिनी’ दूध (Nandini Milk) … कोई महिलाओ के लिए बस की सफ़र मुफ्त कर देने का वादा कर रहा है तो कोई घर की महिला मुखिया को हर महीने आर्थिक सहायता….. मानो जैसे इन दलों के पास कुबेर का भंडार हाँथ लग गया हो और सब जनता पर लुटा देना चाहती हैं।

    Compiled Manifestoes of BJP, Congress and JD(S) in Karnataka
    Compiled Manifestoes of BJP, Congress and JD(S) in Karnataka Assembly Elections (Source: Twitter, Economic Times and The New Indian Express in order of Party names, Edited by the Indian Wire Hindi)

    कर्नाटक (Karnataka) में सत्ता में बैठी बीजेपी चुनाव के मैदान में जाती है तो उसके सबसे बड़े प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) विपक्षी दलों द्वारा की जाने वाली ऐसी घोषणाओं को “रेवड़ी” बांटना कहकर चटकारे लेने में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन जब बात चुनावी घोषणा पत्र की आती है तो उनकी पार्टी (BJP) भी वही ‘रेवड़ियों’ से भरे वादों की फेहरिस्त को शामिल करती है।

    अव्वल तो यह कि मीडिया के समक्ष उनकी पार्टी और उसके प्रवक्ता अपनी पार्टी के मुफ्त सुविधाओं की घोषणा को जनकल्याण बताते हैं, जबकि बाकी दलों द्वारा की गई घोषणाएं ‘रेवड़ी’ की श्रेणी में आता है।

    अब इन घोषणाओं में क्या ‘रेवड़ी’ है, ‘जनकल्याण” वाली घोषणाएं (Welfare Schemes) क्या है …यह तो इन दलों को तय करना है, या फिर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग को तय करना चाहिए। लेकिन यह जरूर है कि “रेवड़ी” या “मुफ्त की सुविधाएं (Freebies)” का असर सीधे तौर पर जनता के जेब पर ही पड़ता है।

    बात कर्नाटक चुनाव (Karnataka Elections) हो या देश का आम चुनाव (General Elections) हो या कोई भी चुनाव हो;  घोषणा करते वक़्त तो हर दल एक से बढ़कर एक मुफ़्त घोषणाएं करती हैं। परंतु कोई भी दल अपने पार्टी-कोष से तो नहीं देती है। ये पैसा जनता के जेब से ही टैक्स के रूप में या महंगाई के रूप में निकाला जाता है।

    उदाहरण के तौर पर कोविड काल मे 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन (Free Ration) केंद्र सरकार दे दिया। इसमें कोई शक नही है कि यह उस वक़्त की जरूरत थी; परंतु आज जब जनजीवन सामान्य हो गया है, कोरोना का भय समाप्त हो गया है, रोजी-रोजगार वापस अपने पटरी पर लौट रहे हैं। तो क्या अब भी 80 करोड़ लोगों को राशन देने की जरूरत है? आखिर सरकार 2024 तक फ्री राशन क्यों देना चाहती है?

    जाहिर है, यह 2024 में प्रस्तावित आम चुनाव पर लक्षित है। केंद्र की बीजेपी सरकार को मालूम है कि इस फ्री राशन की योजना से उसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आदि राज्यो के विधानसभा चुनावों में फायदा हुआ है।

    ध्यान देने की बात यह है कि इस दौरान अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे पेट्रोलियम की कीमत काफी नीचे चले जाने के बावजूद घरेलू बाज़ार में पेट्रोल डीजल आदि की कीमतें अप्रभावित ही रही। नतीजतन, पिछले कई सालों से महंगाई अपने तय सीमा से उपर बनी हुई है।

    स्पष्ट है कि, जनकल्याणकारी योजनाओं और ‘चुनावी रेवड़ी’ वाले वादों को पूरा करने की बाध्यता की बोझ इन राजनीतिक दलों के आर्थिक-कोष पर नहीं पड़ता। बल्कि जिन मुफ़्त की बिजली, पानी, दूध, बस यात्रा, स्कूटी, सायकिल, इत्यादि के लालच में आकर जनता वोट करती है, उसका खामियाजा भी अंततोगत्वा आम जनता को ही उठाना पड़ता है।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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