Thu. Apr 18th, 2024
    बैंक बंद

    अपने वेतन वृधि और अन्य मांगो लिए 85,000 सरकारी और गैर सरकारी बैंकों के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी आज से दो दिन की हड़ताल पर हैं। हड़ताल पर जाने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और अन्य बैंकों के कर्मचारी हैं।

    आखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघटना(AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सी एच वेंकटचलम के अनुसार, ‘यह हड़ताल देशव्यापी है और इसके कारन करीब 21,700 करोड़ के कामकाज पर असर होगा। इस हड़ताल को देशभर से अच्छा प्रतिसाद मिला हैं। बैंकों को के बंद रहने से आम जनता को दिक्कत न हो इसलिए एटीएम मशीनों में आतिरिक्त कैश जमा कर दिया गया हैं।’

    देशभर के एटीएम की देखभाल फाइनेंसियल सॉफ्टवेर एंड सिस्टम्स यह कम्पनी करती हैं।

    फाइनेंसियल सॉफ्टवेर एंड सिस्टम्स के प्रेसिडेंट वी बालसुब्रमणियन के अनुसार, “इस बंद के दौरान गैर सरकारी बैंक जैसे एचडीएफसी बैंक, आयसीआयसीआय बैंक नियमित रूप से काम करेंगे। सरकारी बैंकों के विषय में बंद की जानकारी पहले ही इ दी गयी थी।”

    “सामान्यरूप से हम एटीएम मशीनों में छह लाख तक नकदी जमा करते हैं, जो दो दिन के लिए काफी होती हैं। लेकिन बंद के चलते हमने इस बार सभी एटीएम मशीनों में 15 लाख जमा करवाए हैं, जिससे सामान्य जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े।”

    30-31 मई के बंद का आयोजन यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन्स(UFBU) द्वारा किया गया हैं। UFBA देश के सरकारी बैंकों के 9 यूनियनों का एकत्रित समूह हैं।

    आपको बतादे, बैंक कर्मचारियों की वेतन संबंधित समस्या नयी नहीं हैं, 1 नवम्बर 2017 से वे वेतन बढ़ोतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं। आखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघटना के जनरल सेक्रेटरी वेंकटचलम के अनुसार, यूनियन द्वारा इंडियन बैंक एसोसिएशन को वेतन में 2 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी करने की विनती की थी। लेकिन इस विषय में एसोसिएशन ने कोई निर्णय नहीं लिया।

    इस सोमवार को आखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघटना ने चीफ लेबर कमिश्नर से मुलाकात की। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी डी टी फ्रांको ने कहा, “ चीफ लेबर कमिश्नर ने मध्यस्थता से हमने वेतन प्रश्न को उठाया लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम न आने के कारन 30 और 31 मई को बंद की घोषणा कर दी गयी हैं।”

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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