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    difference between 32 bit and 64 bit operating system in hindi

    विषय-सूचि

    32 बिट और 64 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम में अंतर (difference between 32 bit and 64 bit operating system in hindi)

    कंप्यूटिंग में दो तरह के प्रोसेसर होते हैं- 32 बिट और 64 बिट। ये प्रोसेसर बताते हैं कि CPU रजिस्टर में से कोई प्रोसेस कितनी मात्रा में मेमोरी प्रयोग कर सकता है। उदाहरण के तौर पर,

    एक 32 बिट का ऑपरेटिंग सिस्टम 232 मेमोरी एड्रेस को एक्सेस कर सकता है। इसका मतलब हुआ कि 4 जीबी RAM या फिजिकल मेमोरी। वहीं एक 64 बिट का सिस्टम 264 मेमोरी एड्रेस को एक्सेस कर सकता है, मतलब 18 बिलियन जीबी रैम। संक्षेप में कहें तो 4 जीबी से बड़ी कोई भी मेमोरी को इसके द्वारा आसानी से हैंडल किया जा सकता है।

    1990s और शुरूआती 2000s में बने अधिकतर कंप्यूटर 32 बिट के मशीन ही होते थे। CPU रजिस्टर मेमोरी एड्रेस को स्टोर करता है और इसी तरीके से प्रोसेसर रैम से डाटा को एक्सेस करता है।

    रजिस्टर के अंदर एक बिट मेमोरी के भीतर किसी अकेले बाइट के मेमोरी को रिफरेन्स कर सकता है, इसीलिए एक 32 बिट का सिस्टम अधिकतम 4 जीबी यानी 4,294,967,296 बाइट रैम को एड्रेस कर सकता है।

    असली लिमिट हलांकि 3.5 जीबी तक ही होता है क्योंकि रजिस्टर के कुछ भाग को मेमोरी एड्रेस के अलावे अस्थाई वैल्यूज भी स्टोर करने होते हैं। अंतिम बीस वर्ष में रिलीज़ हुए अधिकतर कंप्यूटर को 32 बिट आर्किटेक्चर से ही बनाया गया है और इसीलिए ये सब 32 बिट प्रोसेसर पर ही काम करते हैं।

    एक 64 बिट का रजिस्टर थ्योरेटिकल रूप से 18,446,744,073,709,551,61 बाइट को रिफरेन्स कर सकता है जो कि 16 एक्साबाइट होता है। ये किसी औसत वर्कस्टेशन को जितनी जरूरत होगी उस से लाखों गुना ज्यादा होता है।

    ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि 64 बिट का कंप्यूटर जिसके पास 64 बिट का प्रोसेसर हो वो 4 जीबी रैम को एक्सेस कर सकता है। अगर किसी कंप्यूटर के पास 8 जीबी रैम है तो उसके पास 64 बिट प्रोसेसर ही होना चाहिए नहीं तो CPU इनमे से 4 जीबी रैम को एक्सेस ही नहीं कर पायेगा।

    32 बिट और 64 बिट के प्रोसेसर के बीच एक सबसे बड़ा अंतर यह है कि कितनी संख्या में कैलकुलेशन वो एक सेकंड में परफॉर्म कर सकते हैं जो कि उसके टास्क करने की गति भी बताता है। 64 बिट प्रोसेसर होम कंप्यूटिंग में ड्यूल कोर, क्वैड कोर, सिक्स कोर या फिर आठ कोर में आ सकते हैं।

    जितना ज्यादा कोर होगा उतना ही एक औसत सेकंड में किये जाने वाले कैलकुलेशन की संख्या ज्यादा होगी। इनके कारण प्रोसेसिंग की क्षमता बढती है और कंप्यूटर तेज गति से काम करता है।

    ऐसे सॉफ्टवेर प्रोग्राम जिन्हें सहीं से फंक्शन करने के लिए बहुत से कैलकुलेशन कि जरूरत होती है वो मल्टी कोर 64 बिट प्रोसेसर पर सही से काम कर सकते हैं।

    64 बिट प्रोसेसर के 32 बिट प्रोसेसर पर फायदे

    • 64 बिट का प्रोसेसर मल्टीटास्किंग में बहुत कुछ कर सकता है यानी यूजर बहुत सारे एप्लीकेशन के बीच आसानी से स्विच कर सकता है वो विंडोज में हैंगिंग की समस्या भी नहीं आयेगी।
    • गेमर लोग ज्यादा ग्राफ़िक्स वाले गेम (मॉडर्न वारफेयर, GTA V इत्यादि) भी आसानी से खेल सकते हैं और हाई एंड सॉफ्टवेर जैसे कि फोटोशॉप या CAD का प्रयोग भी बिना किसी दिक्कत के कर सकते हैं क्योंकि ये बड़े सॉफ्टवेर के साथ मल्टीटास्किंग को आसान बना देता है। लेकिन 64 बिट प्रोसेसर के बदले विडियो कार्ड को अपग्रेड करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।

    आपका कंप्यूटर 32 बिट है या 64 बिट कैसे जांच करें?

    for detailed instructions. अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका विंडोज  सिस्टम 32 बिट पर काम कर रहा है या 64 बिट पर तो इसे जानने का सबसे आसान तरीका हम बताते हैं। इसके लिए आपको पहले कण्ट्रोल पैनल में जाना होगा।

    आप किस ऑपरेटिंग सिस्टम के आर्किटेक्चर पर काम कर रहे हैं इसे जाने का एक सिंपल मेथड है कि आप प्रोग्राम फाइल्स के फोल्डर को चेक करें। इस बारे म ज्यादा जानकारी के लिए ये चित्र देखें:

    Screenshot of the processor architecture command in a Windows 10 command prompt

    हार्डवेयर आर्किटेक्चर देखने के लिए आप कमांड प्रांप्ट खोल कर ये कमांड डाल सकते हैं:

    echo %PROCESSOR_ARCHITECTURE%

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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