Fri. Apr 19th, 2024
    अवैध कंपनियां

    केंद्रीय वित्त मंत्री रूण जेटली ने कहा है कि जीएसटी के तहत 28 फीसदी की श्रेणी में आने वाली वस्तुओं की सूची में काटछांट की जाएगी। जेटली का यह बयान तब आया है जब जीएसटी के तहत कर संग्रह अपनी पूर्व की स्थिति में आ चुका है।  गौरतलब है कि देश में एक जुलाई को लागू की जाने वाली जीएसटी सूची में 1200 से अधिक प्रकार की वस्तुओं को शामिल किया गया था। इसके लिए जीएसटी की चार श्रेणियां बनाई गई थी। इस प्रकार वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी की श्रेणी में निर्धारित किया गया।

    वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का कर निर्धारण पूर्ववत रखा गया है जिससे इन वस्तुओं और सेवाओं का कर भार पहले के स्तर पर ही बना हुआ है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि सरकार के राजस्व पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े।

    अरूण जेटली ने इस बात को स्वीकार किया है कि कुछ वस्तुओं और सेवाओं को 28 फीसदी जीएसटी सूची में नहीं रखा जाना चाहिए था। यही वजह है कि काउंसिल की पिछली तीन—चार बैठकों में करीब 100 से ज्यादा वस्तुओं के जीएसटी दर में कमी की गई। उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं को 28 फीसदी की श्रेणी से घटाकर 18 फीसदी और 18 प्रतिशत की श्रेणी से घटाकर 12 फीसदी की श्रेणी में लाया गया है।

    गौरतलब है कि 10 नवंबर को गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिंल की मीटिंग आयोजित होनी सुनिश्चित है। इस मीटिंग में हाथ से फर्नीचर, प्लास्टिक उत्पाद,रेजर और शेंपू जैसे उत्पादों की जीएसटी दरें कम होने की पूरी उम्मीद है।  इस बारे में जेटली का कहना है कि जीएसटी दरों में कमी लाने का मूल उद्देश्य सरकार के राजस्व संग्रह में स्थिरता लाना है और जीएसटी काउंसिंल इसी योजना के अनुरूप काम कर रही है।

    इसका फायदा यह हुआ है कि अब कस्टमर्स जीएसटी के तहत खरीदी गई वस्तुओं की कीमतों पर अपनी पूरी नजर रख रहे हैं जबकि पूर्व में मैन्युफैक्चरिंग शुल्क को भी वस्तु की कीमत में ही समाहित करके रखा गया था।