Sat. Apr 20th, 2024
    भारती एयरटेल

    भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) और यूनिवर्सल सर्विस ओब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के साथ मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। जिसके अनुसार एयरटेल पूर्वोत्तर भारत के ऐसे 2100 गांवों को जो टेलिकॉम नेटवर्क से वंचित है, इन्हें मोबाइल सेवाएं मुहैया कराएगा।

    आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी राज्यों में बसे अधिकतम गाँव किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में बसे हुए हैं। कुछ गाँव काफी ऊंचाई पर स्थिति हैं, तो बहुत से गाँव जंगलों और वनों के बीच स्थिति हैं। ऐसे में यहाँ तक दूरसंचार सेवाएं पहुँचाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वोतर में करीबन 43,200 गाँव हैं, जिनमे से करीबन 21 फीसदी गाँवों में दूरसंचार सेवाएं अभी तक नहीं पहुंची हैं। ऐसे में एयरटेल का दावा है कि वह यहाँ रह रहे लोगों को 2जी, 3जी और 4जी सुविधा उपलब्ध कराएगा।

    आप को बता दें कि चिन्हिृत किए गए ये सभी गांव असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के हैं।
    गौरतलब है कि भारती एयरटेल कंपनी करीब 2000 से अधिक मोबाइल टॉवर साइट्स स्थापित करेगी, तत्पश्चात अगले 18 महीनों में पूर्वोतर के मोबाइल सेवाओं से वंचित 2100 गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी। इन 2100 गावों के अलावा एयरटेल की यह नेटसेवा पूर्वोत्तर के इन क्षेत्रों से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्गों को भी आसानी उपलब्ध होगी। इस पूरी परियोजना के संचालन के लिए यूएसओएफ भारतीय एयरटेल को कुल 1610 करोड़ रूपए मुहैया कराएगा।

    एयरटेल के चीफ आॅपरेटिंग आॅफिसर (भारत और दक्षिण एशिया) अजय पुरी के अनुसार, एयरटेल पूर्वोत्तर भारत में अपनी दूरसंचार सेवाओं का प्रमुखता से विस्तार कर रही है, इस क्षेत्र में भारती एयरटेल सबसे बड़ा टेलिकॉम आॅपरेटर है। डीओटी और यूएसओएफ की इस संयुक्त परियोजना से एयरटेल पूर्वोत्तर के इन असंबद्ध 2100 गांवों को दूरसंचार सेवाओं से जोड़ेगी। पुरी का मानना है कि एयरटेल के इस कदम की वजह से मुख्य धारा से पीछे छूट रहे ये गाँव देश के अन्य भागों से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोतर में ग्राहक जल्द ही सस्ते दामों पर दूरसंचार सुविधाओं का लुत्फ़ उठा पायेंगे।

    जाहिर है भारती एयरटेल के इस कदम की वजह से आने वाले समय में अन्य दूरसंचार कंपनियां भी इस क्षेत्र में सेवाएं उपलब्ध करा सकती हैं। आपको बता दें कि उत्तर पूर्वी राज्यों में कई ऐसे इलाके हैं, जहाँ पहाड़ और अन्य प्राकृतिक कारणों की वजह से दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में एयरटेल का मानना है कि इस क्षेत्र में पहला कदम रखने से वे आने वाले समय में अन्य कंपनियों के लिए कारोबार के द्वार खोल सकती है।

     भारती एयरटेल का विस्तार

    भारती एयरटेल के चैयरमैन मित्तल ने आगे कहा कि उनकी कंपनी एयरसेल को अधिग्रहित करने के लिए बातचीत के दौर मेंं है, जिसका अभी हाल में ही रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के साथ विलय हुआ था। उन्होंने कहा, एयरसेल के अलावा यदि और भी टेलिकॉम आॅपरेटर्स के साथ विलय की संभावना बनती हैं, तो इसमें कोई शक नहीं कि हम भी इस बातचीत का हिस्सा होंगे। पिछले साल एक व्यापारिक समझौते के तहत एयरटेल ने 3500 करोड़ रूपए में एयरसेल से 2300 मेगाहट्र्ज बैंड के 4जी टॉवर के आठ सर्किल खरीदे थे।

    ईटी को दिए एक साक्षात्कार में मित्तल ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर में तेजी से हुए एकीकरण के बाद भारतीय एयरटेल को काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि जियो की ओर से फ्री सर्विसेज में तेजी के बावजूद भी वोडाफोन भारत-आइडिया सेलुलर गठबंधन को पछाड़ते हुए भारती एयरटेल मार्च 2019 तक राजस्व बाजार हिस्सेदारी मेें नंबर वन स्लॉट पर ​काबिज हो सकती है।