Thu. Apr 25th, 2024
    सिद्धार्थनाथ सिंह

    उत्तर प्रदेश में अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि का मामला सदियों से विवादित रहा है। पिछले तीन दशकों से यह मामला देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बनकर उभरा है और इसी की वजह से भाजपा की पहचान हिंदूवादी दल के रूप में हुई है। आज केंद्र में भाजपा की सरकार है और उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सत्ता पर काबिज है। ऐसे में देशभर के लोगों की निगाहें इस ओर टिकी हैं कि क्या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होगा? समय-समय पर इस बारे में भाजपा नेताओं और धर्मगुरुओं के बयान आते रहते हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज कहा कि मेरे विचार से राम मंदिर पहले से ही अयोध्या में उस जगह पर स्थित है। हमे वहाँ एक भव्य राम मंदिर का निर्माण कराना है।

    राम मंदिर
    अयोध्या में राम मंदिर

    उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी योगी सरकार में चिकित्सा मंत्री के पद पर काबिज सिद्धार्थनाथ सिंह देश के सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं। आज इलाहाबाद में सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर निर्माण के पक्ष में होगा और अयोध्या में वर्ष 2019 से पहले भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आकर यह बात कहेंगे कि उन्हें भी अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की आरजू है। उन्होंने कहा कि बदलाव की शुरुआत हो चुकी हैं और वह इसे महसूस कर रहे हैं। इलाहाबाद में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय परिसर में स्वामी ब्रह्मयोगानन्द द्वारा लिखित पुस्तक “सम्पूर्ण भारत, परम वैभव भारत” के विमोचन के अवसर पर उन्होंने यह बातें कही।

    विरोधी भी चाहते हैं राम मंदिर निर्माण

    उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अगर आज भाजपा के तीन प्रमुख एजेण्डे हैं – तीन तलाक, राम मंदिर और अनुच्छेद 370। उन्होंने कहा कि देश में अब परिस्थितियां बदल रही हैं। कभी तीन तलाक को जायज ठहराने वाले लोग आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इसपर रोक लगाने का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग कभी राम मंदिर निर्माण का विरोध किया करते थे और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं थे, आज उनमे से 90 फीसदी लोग कह रहे हैं कि जमीन लेकर भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया जाए। देश की परिस्थितियां बदल रही हैं और आज मुस्लिम भाई-बहन भी राम मंदिर निर्माण के समर्थन में हैं।

    समझाए धर्मनिरपेक्षता के मायने

    उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि स्वामी ब्रह्मयोगानन्द जी की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। जम्मू-कश्मीर में पहली बार भाजपा की सरकार है और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के पहले राम मंदिर निर्माण की स्वामीजी कि भविष्यवाणी भी सच साबित होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की पक्षधर है और इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा की धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह है कि देश के किसी भी हिस्से में किसी भी धर्म के लोगों को सामान अधिकार प्राप्त हो। हर किसी को अपने धर्म और अपनी आस्था को मानने का अधिकार है पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए कुछ दलों ने देश में धर्मनिरपेक्षता का मतलब ही बदल कर रख दिया है।

    उन्होंने कहा कि कुछ खास संकेत और नारे देश को एकता के सूत्र में बाँधते हैं। वन्दे मातरम, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान इनमे से एक हैं। लेकिन आज जो लोग धर्मनिरपेक्षता कि बात कर रहे हैं उन्होंने इसे तोड़-मरोड़ दिया है। उनके हिसाब से वन्दे मातरम बोलने वाला व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता, राष्ट्रगान के गायन के समय अगर आप खड़े हो जाते हो तो आप धर्मनिरपेक्ष नहीं हो। अगर आप हिन्दुओं कि बातें करते हो तो आप धर्मनिरपेक्ष नहीं हो। लेकिन आज पूरा देश ऐसे लोगों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है और कह रहा है कि आप छद्म धर्मनिरपेक्ष हैं और हम आपको आपको नहीं चाहते हैं।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।