Wed. Apr 24th, 2024
    बेरोजगारी के आंकड़े

    वित्तीय वर्ष में देश का बेरोजगारी की दर सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत रही जोकि इस दर को पिछले 45 वर्षों में उच्चतम स्तर की दर बनाता है। यह जानकारी नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के द्वारा जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच जुटाई गयी थी।

    सरकार ने नहीं किये आंकड़े जारी :

    नोटबंदी वाले वर्ष में देश में ज़्यादा बेरोजगारी का दर रहने के कारण ही सरकार ने यह आंकड़े जनता के लिए जारी नहीं किये। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े बुरे प्रभाव उजागर नहीं करना चाहती थी जिसके चलते इन आंकड़ों को अँधेरे में रखा गया।

    रिपोर्ट की वजह से दो विशेषज्ञों ने दिया इस्तीफा:

    सरकार द्वारा बेरिज्गारी के इन आकड़ों को अँधेरे में रखा गया था लेकिन जब एनएसएसओ द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में इन तथ्यों को जब उजागर किया गया तो सांख्यिकी समिति के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। सोमवार को इन दो सदस्यों में से एक जोकि संस्था के चेयरमैन थे, ने इस्तिफा दे दिया।

    नोटबंदी के बाद पहला सर्वे :

    एनएसएसओ द्वारा यह जानकारी जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच इख्ति की गयी थी। यह सर्वे नोटबंदी के बाद किया गया पहला सर्वे था जिससे नोट्बंदी के बुरे प्रभावों को उजागर होने में मदद मिली। बतादे की मोदी सरकार ने नवम्बर 2016 में समकालीन 500 एवं 1000 के नोटों का चलन बंद कर दिया और उनकी जगह नए नोट लागू कर दिए।

    बेरोजगारी के आंकड़े :

    सरकार द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार  पिछले वर्षों की तुलना में 2017-18 में युवा बेरोजगारी बहुत अधिक थी, और इसे “समग्र आबादी की तुलना में बहुत अधिक” बोला गया। इसके अलावा ग्रामीण पुरुष युवाओं (15-29 वर्ष की आयु) के लिए बेरोजगारी 2011-12 के 5% से बढ़कर 2017-18 में 17.4% हो गई। व्यवसायिक मानक के अनुसार, समान आयु वर्ग की ग्रामीण महिलाओं के लिए, 2011-12 के 4.8% से 13.6% की दर से बेरोजगारी बढ़ गई।

    रिपोर्ट में कहा गया की शिक्षित लोगों का भी यही हाल था। “शिक्षित ग्रामीण महिलाओं के लिए, 2004-05 से 2011-12 के दौरान बेरोजगारी की दर 9.7 प्रतिशत से 15.2 प्रतिशत ज्यादा होकर 2017-18 में 17.3 प्रतिशत हो गई।”

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *