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    सचिन तेंदुलकर

    नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर तथा बॉलीवुड स्टार वरुण धवन भारत के डब्ल्यूडबल्यूई पहलवान जिंदर महल के फैन हैं। जिंदर शुक्रवार को अपना 33वां जन्मदिन मना रहे हैं।

    19 जुलाई, 1986 को जन्मे युवराज सिंह धेसी उर्फ जिंदर महल अन्य डब्ल्यूडब्ल्यूई पहलवानों से काफी अलग हैं। इस पहलवान के लाखों प्रशंसक हैं और इनमें सचिन जैसा बड़ा नाम शामिल है, जिनके खुद करोड़ों प्रशंसक हैं। जिंदर महल को डब्ल्यूडब्ल्यूई का ‘द मॉडर्न डे महाराजा’ का दर्जा दिया गया है।

    डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में जिंदर महल का सफर शानदार रहा है। इस सुपरस्टार ने 2010 में डब्ल्यूडब्ल्यूई का दामन थामा था। अगले ही साल वह डब्ल्यूडब्ल्यूई के मेन रोस्टर में जगह बनाने में सफल रहे थे। हालांकि 2014 में उन्हें रिलीज कर दिया गया था और फिर महल दो साल के बाद एक बार फिर डब्ल्यूडब्ल्यूई में लौटे। अब वह पहले से अधिक ताकतवर और फिट थे। वह आने सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार थे।

    वापसी के बाद महल ने रेसलिंगमेनिया 33 में मई 2017 में ब्लैकलैश में रैंडी ओटरेन को हराते हुए यह साबित भी किया था और डब्ल्यूडब्लूई चैम्पियनशिप हासिल किया था। महल इसी के साथ 50वें डब्ल्यूडब्ल्यूई चैम्पियन बने थे और साथ ही पहले भारतीय सुपरस्टार होने का गौरव हासिल किया था। इसके बाद हालांकि वह घुटने की चोट के कारण अपने असल रंग में नहीं लौट सके।

    पंजाबी बोलते हुए बड़े होने वाले महल ने विदेश में अलग-अलग संस्कृतियों को आत्मसात किया। 1980 के दशक में विश्व पटल पर चमक बिखरने वाले गामा पहलवान महल के चाचा थे। कालेज की पढ़ाई के साथ-साथ महल ने अभ्यास और प्रतिस्पर्धा शुरू की औ? अपने आगे आने वाले हर एक चुनौती का सामना करने लगे। इस दौरान वह हालांकि जमीन से जुड़े रहे।

    जल्द ही वह कैगलेरी के स्टु हार्ट द्वारा शुरू की गई स्टैम्पेड रेसलिंग में टाइगर राज सिंह के नाम से मशहूर हुए। साल 2011 में महल को डब्ल्यूडब्ल्यूई में पहला ब्रेक मिला।

    कैगलेरी में रेसलिंग का चलन उसी तरह है, जिस तरह कोलकाता में फुटबाल का है। इसी बीच, सात फुट एक इंच लम्बे एक अन्य भारतीय पहलवान ग्रेट खली ने डब्ल्यूडब्ल्यूई में अपना पहचान बनानी शुरू कर दी और महल को रिंग में चुनौती देने लगे।

    भारतीयों के बीच होने वाली इस चुनौती के बीच महल ने शेरवानी में रेसलिंग एरेना में प्रवेश करने का चलन शुरू किया। इसके बाद हालांकि वह विभिन्न स्पैंडेक्ट अटायर पर आ गए लेकिन उन्होंने पंजाबी रैंट्स (पंजाबी में शेखी बघारना) जारी रखा।

    साल 2014 में हालांकि महल को डब्ल्यूडब्लूई करार से बाहर कर दिया गया। यहां महल ने आत्ममंथन के जरिए यह जाना कि वह गलत दिशा में जा रहे थे। महल का डब्ल्यूडब्ल्यूई सफर काफी उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा है।

    जिंदर महल ने कहा, “आज आप जिस जिंदर महल को देख रहे हैं, वह बिल्कुल अलग है। मेरी नजर में डब्ल्यूडब्ल्यूई से दूर जाना काफी अच्छा फैसला था। मैंने इस दौरान खुद को फिर से खोजा और पहले से अधिक प्रेरित होकर रिंग में लौटा। मुझे पता था कि डब्ल्यूडब्ल्यूई एसा स्थान है, जहां मेहनत का फल मिलता है।”

    साल 2017 में महल भारत आए थे और इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में डब्ल्यूडब्ल्यूई सुपरस्टार ट्रिपल एच के साथ रिंग पर भारत में सबसे बड़ा लाइव इवेंट किया था। उस इवेंट को लेकर भारत के डब्ल्यूडब्ल्यूई प्रेमी दीवाने हो गए थे। 20 मिनट का मैच समाप्त होने के बाद लोगों ने महल का शानदार अभिवादन किया और तब उन्होंने हिंदी में सबका धन्यवाद किया था।

    मैच के बाद ट्रिपल एच और महल ने हाथ मिलाए थे और तब ट्रिपल एच ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा था, “भारत जिंदर महल के के साथ सुरक्षित हाथों में है।”

    डब्ल्यूडब्ल्यूई चैम्पियन के तौर पर कई साल बिताने के बाद महल ने रेसलमेनिया 34 में अपना वर्चस्व साबित किया और ओटरेन, बॉबी रूडी और रुसेव को फेटल 4-वे मैच में हराया और युनाइटेड स्टेट्स टाइटिल जीता।

    2019 सुपरस्टार शेक-अप के बाद अब जिंदर महल स्मैकडाउन लाइव में लौटे हैं। ऐसे में हमें इस ‘द मॉडर्न डे महाराजा’ का नया रूप देखने को मिल सकता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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