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    भारतीय नौसेना हिन्द महासागर

    भारतीय नौसेना जल्द ही हिन्द महासागर में अपनी पकड़ मजबूत करने और सैन्य दबदबा बनाने के लिए कार्यवाई शुरू करेगी। इस कार्यवाई के दौरान सेना ईरान के समीप स्थित अरब की खाड़ी से लेकर पश्चिमी हिन्द महासागर में स्थित मलाका जलसंधि तक अपनी पकड़ बनाने में सफल हो जायेगी।

    हिन्द महासागर में भारत सेना

    इस पुरे इलाके में भारतीय सेना यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी तरह की अवैध कार्यवाई ना हो। इसी के साथ यह भारत की भौगोलिक सुरक्षा के लिए भी अहम् रहेगी। हिन्द महासागर में भारत का दबदबा बढ़ने से अंतराष्ट्रीय व्यापार में भी भारत की भूमिका बढ़ जायेगी।

    आने वाले समय में भारत जापान के साथ मिलकर एशिया-अफ्रीका विकास मार्ग की शुरुआत करने की सोच रहा है। ऐसे में भारत को हिन्द महासागर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

    अबसे हर समय हिन्द महासागर में भारतीय सेना के 12 से 15 लड़ाकू जहाज, पंडुप्पी व अन्य रक्षा संसाधन तैनात रहेंगे। सेना का साथ देने के लिए भारतीय सैटेलाइट ‘रुक्मिणी’ भी हर समय सतर्क रहेगी।

    इस नयी योजना के तहत सेना पानी में स्थति अहम् इलाकों में लगातार निगरानी रखेगी। सेना के एक अधिकारी ने बताया, ‘यह साल के हर दिन 24 घंटे किया जाएगा। सेना जरूरी स्थानों की लगातार निगरानी रखेगी। इस इलाके में भारतीय नौसेना सबसे मजबूत और विशाल सेना होगी।’

    एक बार में भारतीय सेना बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, मलेशिया, बांग्लादेश व अन्य जगहों पर एक साथ तैनात रह सकेगी।

    भारतीय सेना का यह कदम चीन के बढ़ते दबदबे के खिलाफ भी हो सकता है। पिछले कुछ सालों में चीन ने लगातार हिन्द महासागर में अपनी पैठ जमाने की कोशिश की है। श्रीलंका के पोरबंदर पर अपनी उपस्थिति जमाकर चीन दक्षिण से भारत को घेरने की कोशिश में है। चीन ने श्रीलंका में स्थिति हम्बनटोटा बंदरगाह पर अपना कब्ज़ा जमाकर सैन्य उपस्थिति करने की कोशिश की थी, लेकिन यह सफल नहीं हो सका।

    भारत ने पिछले कुछ समय में अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किये हैं। सेना को युद्ध का अनुभव देने के लिए हाल ही में भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाओं ने मिलकर हिन्द महासागर में युद्धाभ्यास किया था। इसके बाद भारतीय सेना ने कई लड़ाकू विमान खरीदे हैं।

    भारत ने इस इलाके के छोटे देशों के साथ भी सम्बन्ध मजबूत करने शुरू कर दिए हैं। भारतीय सेना बहुत जल्द दक्षिणी एशिया के 10 छोटे देश जिनमे वियतनाम, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड आदि शामिल हैं, के साथ मिलकर युद्धाभ्यास करेगी। इससे लम्बे समय में सेना को बहुत फायदा होगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।