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    पतंजलि सौर ऊर्जा उपकरण

    योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजली आयुर्वेद लिमिटेड अब उपभोक्ता उत्पादों के अलावा सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का भी निर्माण करेगी। एक साक्षात्कार के दौरान पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सौर ऊर्जा के उपकरणों का निर्माण करना एक प्रकार से स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देना है, भारत के हर घर में बिजली मिले, इसलिए हम ऐसा करने जा रहे हैं।

    उपभोक्ता उत्पादों के निर्माण और बिक्री में सफलता हासिल करने के बाद सौर ऊर्जा उपकरण विनिर्माण इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पतंजलि का यह पहला कदम होगा। पतंजली आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना 2006 में की गई थी। पतंजलि आयुर्वेद ने भारतीय बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना रखी है, यही नहीं पतंजलि कई विदेशी कंपनियों को भी कड़ी टक्कर दे रही है।

    जहां तक इसके सालाना आय की बात है, इस कंपनी ने 2014-15 में अपने राजस्व में पांच गुना वृद्धि करते हुए 10,561 करोड़ रुपए की पूंजी बना ली। 31 मार्च 2018 तक सलाना बिक्री दर 20,000-25,000 करोड़ रुपए को पार करना पतंजलि ने अपना लक्ष्य निर्धारित कर रखा है।

    उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के पश्चात अब पतंजलि सौर ऊर्जा के उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में खुद को प्रतिस्थापित करने जा रही है। नई सौर विनिर्माण नीति के तहत सरकार 30 फीसदी पूंजीगत सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। आप को बता दें कि भारत में प्रति व्यक्ति बिजली खपत 1200 किलोवाट घंटे है, जोकि दुनियाभर में सबसे कम है। इस दर में सुधार करने के लिए सरकार फिलहाल सौर ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने जा रही है।

    सोलर पैनल

    सरकार ने 2022 तक 40 गीगावाट (जीडब्ल्यू) सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। पतंजलि के एम डी आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, भारत सरकार कुछ पूंजीगत रियायतों के साथ सौर ऊर्जा उद्योग को बढ़ावा दे रही है, ऐसे में हमारी कंपनी गुणवत्तापूर्ण सोलर पैनलों का निर्माण करेगी।

    एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में डिस्काउंटों के बावजूद खराब गुणवत्ता वाले सौलर उपकरण बिक रहे हैं। चीन अपने सोलर पैनल की बिक्री मुख्य रूप से अमेरिका और भारत के बाजारों में करता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि पतंजलि 120 मेगा वॉट के सोलर पैनलों और सौर ऊर्जा प्लेट का निर्माण करेगी। इसके लिए पतंजलि ने करीब 100 करोड़ रूपए विनिवेश करने का फैसला लिया है।

    पंतजलि की सोलर ऊर्जा उपकरण बनाने वाली कंपनी अगले कुछ ही महीनों में ग्रेटर नोएडा में चालू हो जाएगी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि शुरू में हमारी योजना अपने सभी कारखानों में सौर ऊर्जा स्रोतों को इस्तेमाल करने की थी, लेकिन उस समय अधिकांश सोलर पैनल चीन से ही आते थे। यहीं नहीं भारत में बनने वाले सौर ऊर्जा के उपकरणों में भी कोई खास गुणवत्ता नहीं दिखी थी।

    सोलर पैनल बनाने वाली चीनी कंपनी ट्रीना सोलर ने मेक इन इंडिया के तहत अपनी मैन्युफैक्चरिंग योजना पर रोक लगा रखी है, बावजूद इसके देश में बाबा रामदेव के फॉलोवर्स को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि पंतजलि को सौर ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में फायदा हो सकता है।

    सोलर पैनल की औसत कार्यक्षमता केवल 16 से 22 फीसदी ही होती है, इसलिए भारत चीन, ताइवान तथा मलेशिया के सौर उपकरणों की एक एंटी डंपिंग जांच करने जा रहा है। गौरतलब है कि रामदेव की कंपनी पंतजलि उपभोक्ता वस्तुओं का निर्माण करने के अलावा खुदरा बाजार में भी अपनी मजबूत पकड़ रखती है। पतंजलि शैम्पू और टूथपेस्ट से लेकर बिस्कुट, नूडल्स, चावल और गेहूं तक सब कुछ बेचती है।