Sat. Apr 20th, 2024
    सुप्रीम कोर्ट

    देशभर में चल रहे गौरक्षको के आंतक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में सीनियर पुलिस अफसर को तैनात करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के हर जिले में अफसर को नियुक्त करने का आदेश दिया है, ताकि नोडल अधिकारी कथित गौ रक्षको की हिंसा के खिलाफ करवाई कर सके।

    अदालत ने राज्यों को एक सप्ताह में अपनी टास्क फ़ोर्स बनाने का आदेश दिया है। जिसमे सीनियर पुलिस अधिकारियो को नोडल अधिकारी के रूप में रखा जायेगा।

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कहा है कि गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वाले समूहों पर प्रभावी कदम उठाये।

    केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को कहा कि ‘कानून किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटनाओ को रोकने के लिए है’

    इसके जवाब में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा ‘हम जानते है कि कानून है। लेकिन क्या कार्यवाई की गयी है? आप नियोजित कार्यवाई कर सकते है, जिससे हिंसा को बढ़ावा न मिले।

    7 अप्रैल को तहसीन पूनावाला ने गौ रक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अलवर इलाके में हुई हिंसा का हवाला देते हुए गोरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने की मांग की थी।