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    अनिल अंबानी

    बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिल अंबानी को एरिक्सन का कर्ज न चुकाने के कोर्ट के निर्देश की अवमानना में दोषी करार दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी पर यह शर्त रखी की या तो वे चार सप्ताह में एरिक्सन का बकाया कर्ज दें या फिर जेल जाएं। इससे शेयर पर दबाव की स्थिति आई और इसमें भारी गिरावट देखि गयी।

    रिलायंस के शेयर में 10.3% की गिरावट :

    सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह फैसला सुनाये जाने पर रिलायंस कैपिटल में 10.26 प्रतिशत की गिरावट आई, रिलायंस कम्युनिकेशंस में 9.46 प्रतिशत, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर में 8.75 प्रतिशत, रिलायंस पावर में 5.52 प्रतिशत और रिलायंस होम फाइनेंस शेयर में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

    सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के बारे में :

    बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी को एरिकसन का बकाया कर्ज चुकाने के निर्देशों की अवमानना का दोषी ठहराया। इस पर कोर्ट ने यह शर्त रखी की यदि ये कर्ज अदायगी चार सप्ताह में पूरी नहीं की जाती है तो उन्हें 3 महीने की जेल की सज़ा सुनाई जायेगी। ऐसे में रिलायंस के चेयरमैन ने कर्ज चुकाने की बात कही और इसलिए अब उनके पास एरिक्सन का कर्ज चुकाने के लिए 1 महीने का समय है।

    क्या है एरिक्सन मामला :

    रिलायंस कम्युनिकेशन ने एरिक्सन के साथ डील की थी जिसके अंतर्गत एरिक्सन का रिलायंस पर 550 करोड़ का कर्ज चढ़ गया था। रिलायंस ने नियत समय में मूल्य एरिक्सन को नहीं दिया और जब एरिक्सन ने इसके बारे में पूछा तो रिलायंस ने अतिरिक्त 60 दिन मांगे। लेकिन इन 60 दिनों के ख़त्म होने के बाद भी रिलायंस ने यह कर्ज नहीं चुकाया।

    इस अवमानना से आहत हो एरिक्सन ने कोर्ट में अनिल अंबानी की संपत्ति जब्त करने की गुहार लगाईं। हालांकि कोर्ट द्वारा यह स्वीकार नहीं किया गया लेकिन इसके बाद कोर्ट ने रिलायंस की जिओ से डील को मंजूरी नहीं दी। बहुत समय बाद तक कर्ज न देने पर कोर्ट ने रिलायंस के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। यह कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला था। अतः इसमें हाल ही में सुनवाई में कोर्ट ने अनिल अंबानी से कहा है की या तो वे जेल जाएँ या फिर चार सप्ताह के समय में पूरे कर्ज की अदायगी करें।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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