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    अमेरिका

    अमेरिकी सेना इस योजना पर अमल करने में नाकामयाब रही कि इस्लामिक स्टेट के दर्जनों कैदियों को सीरिया के युद्धबंदी कैदो से ट्रान्सफर किये जा सके। दो अमेरिकी अधिकारियो के हवाले से अमेरिकी अखबार ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि जब तक पेंटागन अमेरिकी सैनिको को वहां से बाहर निर्णय मनाही लेता कैदियों को बाहर नहीं निकाला जायेगा।

    उत्तरी सीरिया में तुर्की की आक्रमक कार्रवाई का दौर जारी है और कई जानकारों को भय है कि यह कार्रवाई इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को दोबारा उभरने का मौका देगी।

    न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को सैकड़ो इस्लामिक स्टेट के समर्थक इस इलाके में निम्न श्रेणी की सुरक्षा के नजरबन्द शिविरों से भाग गए थे। अंकारा की वैश्विक जगर में आलोचनाये बढती जा रही है क्योंकि वह सीरिया में आक्रमक कार्रवाई को अंजाम दे रहा है।

    कई देशो ने तुर्की से इस कार्रवाई को रोकने का आग्रह किया था। फ्रांस ने भी तुर्की को हथियार बेचने पर पर पाबन्दी लगा दी है। उत्तरी सीरिया में कुर्दिश प्रशासन ने उत्तरी सीरिया में डमस्कस की सरकार के साथ समझौते के बाबत बताया था। अंकारा की आक्रमकता क रोकने के लिए तुर्की से नजदीक सीमाओं पर सीरियन सैनिको की तैनाती की गयी है।

    कुर्दिश प्रशासन ने फेसबुक पर जारी किये बयान के बाबत बताया कि “इस आक्रमकता से बचाव या संयमता के लिए सीरिया की सरकार के सतह एक समझौते पर दस्तखत करने होगी। ऐसे ही सीरिया की सेना की तुर्की और सीरिया के बीच बॉर्डर में तैनाती की जाएगी ताकि सीरियन डेमोक्रेट फाॅर्स को बॉर्डर पर तैनात किया जा सके।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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