Thu. Apr 25th, 2024
    सीपीयू cpu in hindi

    विषय-सूचि

    सीपीयू क्या है? (what is cpu in hindi)

    सीपीयू को हम कम्प्युटर का दिमाग भी कह सकते हैं। यह उन सारे निर्देशों का पालन करता है जो की कम्प्युटर द्वारा दिए जाते हैं। सीपीयू कम्प्युटर का हार्डवेयर है जो की कम्प्युटर के प्रोग्राम द्वारा दिये गए निर्देशों की देख रेख करता है।

    यह कम्प्युटर की सामान्य अरिथमेटिकल, लॉजिकल और इनपुट आउटपुट हर तरह के कार्यो को कम्प्युटर में करने का काम करता है। हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं की मान लीजिये आपने कीबोर्ड में ई टाइप किया और फिर आपको मॉनिटर मे ई दिखा यह कार्य भी सीपीयू की मदद से ही संभव हो पाया है।

    जब भी आप किसी स्थानीय बाज़ार में कम्प्युटर की दुकान पर जाते हैं तो सबसे पहले उसके सीपीयू का प्रॉसेसर देखते हैं उसके बाद ही सीपीयू को खरीदने का मन बनाते हैं। जब भी हम सीपीयू के किसी कॉम्पोनेंट को खंगालते हैं तो हम उसमे यह देखते हैं की वह कैसे काम करता है और कितनी तेज़ी से चलता है।

    जब भी हम कम्प्युटर का उपयोग करते हैं तो हम ध्यान रखते हैं की कम्प्युटर फटा फट निर्देश दे और कार्य करे। जब भी निर्देश जटिल हो जाता है हम सीपीयू पर निर्भर हो जाते हैं क्यूंकी सीपीयू ही कम्प्युटर को सुचारु रूप से चलाने का काम करता है।

    पर जैसे की आजकल की तकनीकी है उसको देख कर हम कह सकते हैं की आजकल के सीपीयू बड़े ही ताकतवर और मजबूत हैं और बड़ी तेज़ी से काम भी करते हैं उनकी काम करने की क्षमता बड़ गयी है।

    सीपीयू की फुल फॉर्म (cpu full form in hindi)

    सीपीयू की फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होती है, जिसका मतलब है कि सभी कार्यों को प्रोसेस यानी पूरा करने का यंत्र।

    सीपीयू के हिस्से (cpu parts in hindi)

    सीपीयू के काफी हिस्से होते हैं। इसका पहला हिस्सा अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (ए एल यू) होता है जो कि सामान्य अरिथमेटिक और लॉजिकल कामों को देखता है।

    दूसरा होता है कंट्रोल यूनिट (सि यू) यह कम्प्युटर के बाकी कामों को करता है। यह मेमोरी से निर्देशों को पढ़ता है समझता है और उन्हे सिगनलों में बदल देता है जिससे की कम्प्युटर के बाकी के हिस्सा चल सके और यह सही से काम कर पाये। इसके कंट्रोल यूनिट कुछ जरूरी हिसाब यानि कैलक्युलेशन भी करती है जिससे की सीपीयू को सही से चलाया जा सके।

    तीसरा हिस्सा कैचे (cache) होता है वह तेज़ गति वाली मेमोरी को निर्देश देता है जिससे वह इसको कॉपी कर सके और पुनः प्राप्त कर सके। पुराने जमाने के जो सीपीयू होते थे उनमे अलग अलग कॉम्पोनेंट होते थे पर 1970 के बाद एक ही तरह का सर्किट इस्तेमाल होने लगा जिसे हम माइक्रो प्रॉसेसर बोलते हैं।

    सीपीयू भी एक तरह का माइक्रो प्रॉसेसर ही है। सीपीयू का आकार 2*2 का होता है। सीपीयू का एक ही कॉम्पोनेंट इतना सही से जुड़ा हुआ होता है की हम उसे आसानी से समझ नहीं सकते। सीपीयू मदरबोर्ड पर एक जगह लगा हुआ होता है और मदरबोर्ड में इसके लिए एक सॉकेट होता है जो की हर प्रॉसेसर के लिए विशेष होता है।

    सीपीयू क्यूंकी काफी गरम हो जाते हैं इसके लिए हमे एक कूलिंग सिस्टम की आवश्यकता पड़ती है जो की इसकी तपत को कम कर सके। इसके लिए पंखा होता है जो की इसको ठंडा करने का काम करता है।

    कम्प्युटर के लिए विश्व ऐसा है की जैसे जीरो और एक से भरा हुआ हो। प्रॉसेसर के अंदर हम ट्रांजिस्टर की मदद से जेरो और एक को भरते हैं। इनमे छोटे छोटे स्विच होते हैं जो की बिजली को नियंत्रण में रखते हैं और स्विच का ऑन और ऑफ बताते हैं।

    सीपीयू के प्रकार (types of cpu in hindi)

    बीसवीं शताब्दी में शोधकर्ताओं ने काफी अलग अलग तरह के सीपीयू बनाए थे लेकिन आजकल के कम्प्युटरों में जो सीपीयू होता है वह या तो 32 बिट या फिर 64 बिट होता है।

    जो 32 बिट के सीपीयू होते हैं वो केवल उन्ही निर्देशों को ले पाते हैं जो की 32 बिट साइज के निर्देशों को संभाल सकें इसी प्रकार 64 बिट के जो सीपीयू होते हैं वह भी केवल उन्ही निर्देशों को संभाल सकते हैं जो की 64 बिट साइज़ के निर्देश हों क्यूंकी हर बिट की काम करने के क्षमता उसकी बिट पर निर्भर करती है इसलिए हर सीपीयू का बिट साइज़ अलग अलग होता है।

    सीपीयू के कार्य (cpu work in hindi)

    यह कुछ काम हैं जो की सीपीयू आसानी से कर पता है:

    1. मेमोरी से डाटा को पढ़ता है और लिखता है।
    2. एक नंबर को दूसरे नंबर से जोड़ता है।
    3. अवलोकन करता है की कोई नंबर दूसरे नंबर से बड़ा तो नहीं है।
    4. एक नंबर को एक जगह से दूसरे जगह लेकर जाने का काम करता है।
    5. निर्देशों की पालना करते हुए एक जगह से दूसरी जगह कूदता भी है पर इसके लिए कोई टेस्ट ट्रू (true) होना चाहिए।

    इसी तरह के काफी उलझे हुए प्रोग्राम हम बना सकते हैं इस तरह के आसान निर्देशों द्वारा इनकी मदद से। यह इसीलिए आसान है क्यूंकी एक निर्देश बड़ा ही कम समय लेता है सीपीयू में इसको चलाने के लिए।

    आजकल के काफी सीपीयू एक अरब से ज्यादा निर्देश एक सेकंड में पूरा कर सकते हैं। सामान्यत: एक सामान्य सीपीयू को हम जितना जल्दी काम करवाने का सोचते हैं वह उससे भी काफी जल्दी काम करने की कोशिश करता है।

    एक तरीका जिससे की प्रॉसेसर की स्पीड को हम नाप सकते हैं वह है एमआईपिएस (MIPS – Million Instructions Per Second)। फ्लोप्स (Floating Point Operations Per Second) और सीपीयू के घड़ी की गति को हम गीगाहर्ट्ज में नापते हैं और यह ये भी नापता है की प्रॉसेसर कितना काम कर रहा है।

    एक सीपीयू को लॉजिक गेट द्वारा बनाया जाता है नाकी किसी चलते फिरते पार्ट के द्वारा। कम्प्युटर का सीपीयू जो होता है वह भी कम्प्युटर के सारे पार्ट्स की तरह ही एक जगह जुड़ा होता है।

    इस लेख में हमनें सीपीयू के बारे में जाना। हमनें जाना कि सीपीयू क्या है, सीपीयू के हिस्से क्या है और सीपीयू का कार्य क्या है?

    यदि इस विषय में आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट के जरिये हमसे पूछ सकते हैं।

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