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    लोकसभा

    नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन में कार्यवाही के दौरान नारेबाजी करने व तख्तियां लहराने पर नाखुशी जाहिर की।

    उन्होंने कहा कि ऐसा करना सदन की गरिमा के खिलाफ है और इसे पूरी दुनिया देख रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने यह टिप्पणी उस समय की, जब कर्नाटक के राजनैतिक संकट को लेकर कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने शून्य काल के दौरान अध्यक्ष के आसन के सामने नारेबाजी की।

    हंगामे के बीच, बिड़ला ने कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों से अपनी सीट पर वापस जाने के लिए कहा। सदस्य सरकार के खिलाफ ‘हमें न्याय चाहिए’ और ‘तानाशाही रोको’ जैसे नारे लगा रहे थे।

    लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “हमें इस सदन को एक नए स्तर पर ले जाना चाहिए। यह आप सभी का है। इसे नारेबाजी और प्लेकार्ड दिखाने की तरफ मत ले जाएं। मेरा आपसे अनुरोध है कि जितना आप चाहें, उतनी चर्चा और बहस करें।”

    उन्होंने कहा, “सरकार को भी उन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। अगर आपकी सहमति हो तो सदन में नारेबाजी और तख्तियों को रोका जाना चाहिए।”

    उन्होंने कहा कि सदस्य जितने चाहे उतने मुद्दे उठा सकते हैं और वह इन्हें समायोजित करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सदन की कार्यवाही नगर निगम और नगर पालिका जैसी नहीं होनी चाहिए। दुनिया सदन की कार्यवाही देख रही है। सदस्यों को इसकी गरिमा को बरकरार रखना चाहिए।

    इसके बाद उन्होंने सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से कहा कि वह जितना चाहें, उतना बोलें।

    इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से कहा था कि उन्होंने शून्य काल में चौधरी द्वारा कर्नाटक मुद्दा उठाने के अनुरोध पर विचार के लिए एक रूलिंग दी है।

    मेधवाल ने नियमों का हवाला देकर कहा था कि सदस्य उसी मुद्दे को दोबारा शून्य काल में नहीं उठा सकते।

    कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा उसके विधायकों को प्रलोभन देकर कर्नाटक की कांग्रेस-जद (एस) सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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