Fri. Apr 19th, 2024
    कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष

    राजस्थान उपचुनावों में कांग्रेस की जीत ने भाजपा को परेशान कर दिया है। भाजपा की हार को सचिन पायलट की जीत से जोड़कर देखा जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रैलियां की थी लेकिन राजे को बुरी तरह से इन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। अजमेरअलवर लोकसभा क्षेत्रों व मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने भारी मतों से जीत हासिल की है।

    बीजेपी की हार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हार माना जा रहा है। इन सीटों पर करीब 17 विधानसभा क्षेत्र आते है। इन सभी पर भाजपा के वोट बैंक में भारी कमी हुई है।

    राजस्थान उपचुनावों के बाद सबसे तेज रूप से पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट बडे नायक के रूप में उभरे है। इन चुनावों में अशोक गहलोत व सचिन पायलट की मेहनत को काफी तवज्जो दी गई। गहलोत तो खुद ही काफी अनुभवी राजनेता है जिन्होंने पंजाबगुजरात के बाद अब राजस्थान मे कांग्रेस पार्टी को मजबूत किया है।

    फिलहाल सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस के नए नायक के रूप में उभर रहे है। इन चुनावों में सचिन पायलट के नेतृत्व को राजस्थान की जनता ने स्वीकार कर लिया है। जब से राहुल गांधी ने सचिन पायलट को राजस्थान की जिम्मेदारी है तब से ही उनके नेतृत्व में पार्टी को मजबूती मिली है। पहले गहलोत व पायलट में आपसी तनाव बताया जा रहा था। लेकिन इन चुनावों में दोनों ने मिलकर पार्टी को जीत दिलाई है।

    साल 2014 से, कांग्रेस ने पंचायत और स्थानीय निकायों चुनावों में 8 में से 6 जगहों पर जीत हासिल की है। पायलट के नेतृत्व में भव्य पुरानी पार्टी में नए उत्साह और आत्मविश्वास दोबारा से जाग गया है।

    राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक है पायलट

    पार्टी कार्यकर्ताओं को युवा नेता पायलट का नेतृत्व काफी पसंद आ रहा है। माना जा रहा है कि आगामी चुनावों में पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी। अजमेर लोकसभा सीट पर पायलट ने जहां पहले हार का सामना किया था वहीं अबकी बार रघु शर्मा को जीताकर वापिस से अपना दबदबा साबित कर दिया। कांग्रेस को वोटिंग प्रतिशत भी अधिक मिला है।

    राजस्थान में अशोक गहलोत के अलावा अब सचिन पायलट को भी जनता स्वीकार करने लगी है। आने वाले समय में पायलट नेतृत्व बीजेपी को कड़ी मुश्किल में डाल सकता है। सचिन पायलट को राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक माना जाता है।

    पायलट ने राजस्थान के युवाओं को बीजेपी के खिलाफ लाकर कांग्रेस के पक्ष में किया है। हाई कमान अब इस जादुई सूत्र के साथ आगे बढ़ना चाहता है। आगामी चुनावों मे निश्चित रूप से पायलट को अहम जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।