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    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान

    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान को जमाल खासोगी की हत्या के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचनायें झेल रहे हैं। इन आलोचनाओं के मध्य सऊदी अरब ने अपने पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर की नींव सोमवार को रख दी थी। सऊदी अरब की मीडिया के मुताबिक सऊदी राजकुमार के किंग अब्दुलाज़ीज़ सिटी के दौरे पर लांच किये सात परियोजनाओं में से यह एक है।

    सऊदी अरब ने अनुसंधान, विकास और शिक्षा के मकसद से बनाये इस प्रोजेक्ट के बाबत कोई जानकारी नहीं मुहैया नहीं की है। विश्व का सबसे बड़ा तेल निर्माता अगले दो दशकों में 16 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण करेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 80 बिलियन डॉलर होगी। सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए तेल के अलावा अन्य विकल्पों का मार्ग खोलना चाहता है।

    प्रिंस मोहम्मद ने मार्च में कहा था कि अगर इरान परमाणु हथियारों का निर्माण आर सकता है तो रियाद भी पीछे नहीं हटेगा। गौरतलब है कि ईरान और सऊदी अरब कट्टर दुश्मन है। मिडिल ईस्ट की अस्थिरता का एक बहुत बड़ा कारण परमाणु हत्यारों का निर्माण है।

    प्रिंस मोहम्मद ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा था कि ईरानी प्रमुख हिटलर की तरह है और मिडिल ईस्ट में खुद के प्रोजेक्ट का निर्माण करना चाहता है। साल 2015 में अमेरिका आर ईरान के मध्य हुई परमाणु संधि से तेहरान के परमाणु हत्यारों के निर्माण के मंसूबों पर ब्रेक लग गया था।

    डोनाल्ड ट्रम्प के मई में ईरान के साथ परमाणु संधि तोड़ने के फैसले का सऊदी अरब ने स्वागत किया था। अमेरिका ने ईरान पर सोमवार से दूसरे चरण के प्रतिबन्ध लागू कर दिए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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