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अरब नेता

सऊदी अरब की पाइपलाइन पर यमन के हौथी विद्रोहियों के हमले के बाद सल्तनत ने गुरूवार को अरब नेताओं की बैठक की मेज़बानी की थी। अरब सम्मेलन में सऊदी अरब के बादशाह सलमान ने कहा कि “ईरानी आक्रमण को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरुरत है। अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि तेहरान को रोकने के लिए वहां सेना की नियुक्ति की गयी थी।

तेहरान ने किसी भी हमले में शामिल होने के आरोपों से इंकार किया है। ईरान और अमेरिका के साथ इराक के बेहतर सम्बन्ध है। इराक ने अरब नेताओं की मुलाकात का विरोध किया है और कहा कि ईरान के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग अन्य देशों की गैर दखलंदाज़ी पर आधारित होना चाहिए।

बादशाह सलमान ने कहा कि “ईरान के खिलाफ दृढ़ निवारक रुख न होने के कारण ही आज यह तनाव देखने को मिल रहा है। शिया ईरान का परमाणु और मिसाइल क्षमताओं में विकास और यह वैश्विक तेल निर्यात के लिए खतरा उत्पन्न करता है और यह वैश्विक व क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।”

अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने गुरूवार को कहा कि “यूएई के तट पर चार जहाजों पर हमले ईरानी सरकार द्वारा विश्व में तेल की कीमतों में इजाफा करने का प्रयास था।” रियाद ने तेल पाइपलाइन पर हमला करने का कसूरवार भी ईरान को ही ठहराया है। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली थी।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने गुरुवार को कहा कि “ईरान के टैंकर हमले के पीछे होने के सबूत हमारे पास है और उन्हें अगले हफ्ते यूएन सुरक्षा परिषद् के समक्ष रखा जायेगा।”

किंग सलमान ने कहा कि “क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के संरक्षण के लिए सल्तनत प्रतिबद्ध है।” सऊदी अरब और ईरान कई प्रॉक्सी जंग में भिड़े हुए हैं लेकिन ईरान ने इन आरोपों को बेबुनियादी करार दिया है।

इराक के राष्ट्रपति बरहम सालिह ने कहा कि “ईरान के साथ तनाव जंग में परिवर्तित हो सकती है अगर इसका ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया तो और उम्मीद जताई कि ईरान की सुरक्षा को निशाना नहीं बनाया जायेगा।” माइक पोम्पिओ ने इराकी नेताओं को चेतावनी दी कि अगर वह ईरान के समर्थित चरमपंथियों को जांचने में विफल हुए तो अमेरिका इसका प्रतिकार ताकत से करेगा।”

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष ईरान व वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था।

इस्लामिक रिपब्लिक ने कहा कि वह खुद की किसी भी आक्रमकता से रक्षा करेंगे। उपराष्ट्रपति इस्हाक़ जहांगीरी ने कहा कि “तेहरान को परमाणु हथियारों को विकसित करने की अनुमति नहीं है क्यूंकि सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने इस पर रखी है।”

नेताओं ने कहा कि “क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक आज़ाद फिलिस्तीन राज्य की स्थापना जरुरी है और इसने गाज़ा, वेस्ट बैंक व पूर्वी येरुशलम भी होना चाहिए।” ईरान में नियुक्त अमेरिका राजदूत ने कहा कि “यदि ईरान वांशिगटन के हितो पर हमला करेगा तो उसे सैन्य ताकत से जवाब दिया जायेगा।

खाड़ी सहयोग परिषद् के तहत खाड़ी देशों का एक संयुक्त बल है लेकिन 39 वर्ष पुराने इस गठबंधन में दरार आ गयी थी जब साल 2017 में सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और अन्य गैर जीसीसी देशो ने क़तर का राजनीतिक और आर्थिक बहिष्कार कर दिया था। क़तर के प्रधानमंत्री अब्दुल्लाह बिन नसीर अल ठानी ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया था।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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