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    देश में अधिकांश निजी टीवी चैनल अश्लील कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे हैं। सरकार प्रसारण रोकने तक की कार्रवाई करने को मजबूर हुई है। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई है।

    सरकार ने अश्लील प्रसारण के कुल 124 मामलों में कार्रवाई की है। हालांकि, सरकार ने टीवी चैनलों और संबंधित कार्यक्रमों के नाम की जानकारी नहीं दी है।

    जौनपुर से बसपा सांसद श्याम सिंह यादव ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पूछा था कि टीवी चैनलों पर अश्लील सामग्री के प्रसारण को रोकने के लिए सरकार क्या कार्रवाई कर रही? अब तक कितने तरह के एक्शन हुए?

    इस पर मंत्रालय की ओर से जारी लिखित जवाब में साल 2016 से टीवी चैनलों के खिलाफ लिए गए एक्शन का ब्यौरा दिया गया।

    मंत्रालय ने बताया कि 2016 से निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों के खिलाफ ऐसे 124 मामलों में कार्रवाई हुई। अश्लील प्रसारण की बात सामने आने पर 46 मामलों में एडवाइजरी जारी की गई, 39 बार चेतावनी जारी हुई।

    इसके अलावा 30 बार चैनलों को माफी चलाने का आदेश हुआ, जबकि गंभीर मामलों में नौ बार प्रसारण ही बंद करा दिया गया।

    मंत्रालय ने कहा कि सभी टीवी चैनलों से केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 के नियम-कायदों और अपलिंकिंग व डाउन लिंकिंग गाइडलाइंस 2011 का पालन करने की अपेक्षा रहती है।

    इन नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर केंद्र सरकार को कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने का अधिकार है। एक्शन के तहत एडवाइजरी, चेतावनी जारी करने के साथ माफी चलाने का भी आदेश होता है। नियमों के उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर कुछ अवधि के लिए चैनल के प्रसारण को बंद किया जा सकता है।

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