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    व्लादिमीर पुतिन

    रूस की सत्ताधारी यूनाइटेड रशिया पार्टी को मोस्को में संसद में भारी संख्या में सीटो का नुकसान हुआ है। विपक्षियो द्वारा रणनीतिक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया काम कर गयी है। रविवार को रूस में स्थानीय चुनावो का आयोजन किया गया था। रुसी राजधानी में सिलसिलेवार प्रदर्शन का असर चुनावो पर पड़ा है।

    प्रदर्शनों का दौर मध्य जुलाई में शुरू हुआ था जब निर्वाचन आयोग ने कई विरोधी दावेदारों के आवेदनों को खारिज कर दिया था और कहा कि उन्होंने कई नियमो की अनदेखी की है। यूनाइटेड रशिया के मोस्को के दावेदारी ने निर्दलीय से चुनाव लड़ा ताकि पार्टी से निकाला जाए। इन प्रसिद्धि 10 वर्षों में काफी बढ़ी है।

    चुनावो की सूचना के मुताबिक यूनाइटेड रशिया में 33 फीसदी सीटो को खोया था जिस पर उनका पहले नियंत्रण था। आरआईए ने कहा कि “मोस्को की संसद की 45 सीटो में से सत्ताधारी दल सिर्फ 26 पर ही अपना नियंत्रण कर सकेगा। साल 2014 के चुनाव में अपने नाम पर 28 सीट और अतिरिक्त 10 को समर्थन कर जीता था।

    अखबार के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी इस बार 13 सीटो पर कब्ज़ा करेगी जो बीते समय पांच से काफी ज्यादा है। दो विभिन्न पार्टी द फिर रशिया पार्टी और विपक्षी योब्लोको पार्टी तीन-तीन सीटो को जीतने का दम भर रही है।  इस पार्टी के नेता सर्गेई मित्रोखिन के शुरू में चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

    रूस में क्षेत्रीय और स्थानीय चुनावो का आयोजन रविवार को किया गया था। साल 2011 से 2013 तक रूस में कई प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था। मॉस्को में जुलाई और अगस्त महीने के हर सप्ताहांत में रैलियों का आयोजन किया गया था और यह रैलियां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए आयोजित की गयी थी।

    प्रदर्शन के दौरान से हजारों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। वहीं कई लोगो को कानून का उल्लंघन और हिंसा करने के अपराध में सालो की जेल की सजा सुनाई गयी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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