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विकल्प लागत opportunity cost in hindi

विषय-सूचि

विकल्प लागत क्या है? (what is opportunity cost in hindi)

  • अगर कोई फैसला लिया जाता है, तो उन फैसलों से बेहतर विकल्पों के जो महत्व होते हैं, उसको विकल्प लागत कहा जाता है।
  • इसको अवसर लागत के नाम से भी जाना जाता है।
  • ऑस्ट्रियन अर्थशास्त्री फ्रेडरिक वॉन वाइसेर ने विकल्प लागत शब्द की व्याख्या अपने किताब थ्योरी ऑफ़ सोशल इकॉनमी की द्वारा की थी।
  • यह व्यष्टि अर्थशास्त्र (microeconomics) का एक भाग है।
  • जब परस्पर अन्य विकल्प (mutually exclusive alternatives) मौजुद रहते है, तो उनमे से कोई एक विकल्प चुनना होता है।
  • फिर यह मान के चला जाता है कि चुना गया विकल्प सबसे सही है, फिर लाभ को ध्यान में न रखते हुए जो महत्वपूर्ण विकल्प मिलता है, उसे दूसरा सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है।
  • दूसरे शब्दों में दूसरे लाभदायक विकल्पों को नजरअंदाज करते हुए, जब उस विकल्प को अपनाया जाये जिससे कोई मौद्रिक लाभ न हो, उसको अवसर या विकल्प लागत कहते हैं।
  • विकल्प लागत जल्दी में लिया गया फैसला होता है, अतः दोनों ही विकल्पों में कितना लाभ होगा – इसका निर्धारण मुश्किल है।
  • यह साधन की कमी और चुनाव के बीच के सम्बन्ध को दर्शाता है।
  • ये सीमित संसाधनों के बेहतर उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • इसके अंतर्गत सिर्फ मौद्रिक एवं वित्तीय लाभों को ही नहीं देखा जाता, बल्कि उत्पादन का सही मुल्य, समय सीमा, उपयोग की वस्तुओं से होने वाले दूसरे लाभ आदि को भी ध्यान में रखा जाता है।

उत्पादन के अंतर्गत आने वाले विकल्प लागत (opportunity cost in production in hindi)

बाहरी लागत (explicit cost)

  • इसके अंतर्गत उत्पादकों द्वारा पैसों का सीधा भुगतान होता है।
  • उदहारण के लिए अगर कोई कंपनी किसी बिल पर रु 10,000 खर्च करती है, तो उसका बाहरी विकल्प लागत रु 10,000 माना जायगा।

अंतनिर्हित लागत (implicit cost)

  • इनको पैसों के ऑउटफ्लो में नहीं दर्शाया जाता है।
  • एक व्यवसाय द्वारा उसके खुद के मौजूद संसाधनों का उपयोग न करना, विकल्प लागत का अंतनिर्हित कारक है।
  • उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी कुछ बनाने के लिए 100 टन प्लास्टिक खरीदती है और फिर उसका उपयोग करने के बजाय न उसको बेच रही है तो यह इस प्रकार के विकल्प लागत के अंतर्गत दर्शाया जायगा।

तर्कसंगत विकल्प लागत (Rationalised opportunity cost)

  • इस तर्क के अंतर्गत यह माना जाता है कि एक सामान्य व्यक्ति को उतनी ही उपयोगिता उपलब्ध कराई जायगी, जितने की उसको जरुरत है।
  • कोई व्यक्ति सबसे पहले उस विकल्प को चुनेगा जिसमे उसको सबसे ज्यादा फायदा या उपयोग मिल रहा है।
  • इस मामले में यह सम्भावना जताई जाती है कि विभिन्न उपोगिताओं का बराबर महत्व रहेगा।
  • अगर कोई व्यक्ति पैसे कमाने का अवसर खो देता है, तो यह अवसर लागत के अंतर्गत आएगा |

 व्यवसायों के लिए विकल्प लागत का महत्व (opportunity cost in business in hindi)

  • जब व्यावसायिक अपने व्यवसाय में किये गए निवेश का आकलन करते हैं, तो वे ऐसे विकल्पों कि तलाश में रहते हैं जिससे उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा हो सके। वे निवेश में हो रहे मुनाफे के दर से यह पता लगा लेते हैं।
  • व्यवसाय के पूंजी संरचना के निर्धारण में भी विकल्प लागत का उपयोग होता है। हितधारकों एवं निवेशकों को निवेश जोखिम के लिए जब मुआवजा दिया जाता है, तो ऋण एवं समता के खर्चे को उठाने के लिए विकल्प लागत की जरुरत पड़ती है।

विकल्प लागत से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

3 thoughts on “विकल्प लागत क्या है? पूरी जानकारी”

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