Sat. Apr 20th, 2024

    विपक्ष के लगातार विरोध के बीच लोकसभा ने गुरुवार को दो विधेयकों को पारित कर दिया। जिसके बाद लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) संशोधन विधेयक, 2021 और अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021 बिना किसी बहस के हंगामे में पारित हो गए।

    विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी मुद्दे और तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे, जबकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें चेतावनी दी थी कि उन्हें उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ जाएगा जो “बार-बार कार्यवाही को बाधित करते हैं।”

    जब सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि वह बुधवार की घटना से वे बहुत आहत हैं, जब कुछ सदस्यों ने कागजात फाड़े और चेयर और ट्रेजरी बेंच पर फेंक दिया। उन्होंने कहा कि, “यदि आप संसदीय प्रथाओं का ध्यान नहीं रखेंगे, तो संसदीय प्रक्रिया कैसे मजबूत होगी? मेरा प्रयास है कि सभी सदस्यों को अपने मुद्दों को उठाने और उन्हें उनका उचित सम्मान देने के लिए पर्याप्त समय मिले।”

    जब संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने माफी की मांग की तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार के “जिद्दी” रवैये के कारण विपक्षी सदस्य अपने विचार रखने में सक्षम नहीं थे। लगातार नारेबाजी के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

    भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने कुछ समय के लिए प्रश्नकाल की कार्यवाही की लेकिन सदन को एक घंटे में दो बार स्थगित करना पड़ा। व्यवधानों के बीच, कार्य मंत्रणा समिति के सदस्यों ने कार्यसूची पर चर्चा करने के लिए बैठक की। जब दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने, जो उस समय अध्यक्ष थे, दोनों विधेयकों को सूची में शामिल किया।

    नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्षी बेंचों पर कुछ तीखी टिप्पणियों के बाद एईआरए संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने कहा कि, “महामारी के दौरान सदन में चर्चा के बजाय नारेबाजी हो रही है। हम इस संकट को एक अवसर में बदलेंगे और किसानों और लोगों को हर संभव सुविधा प्रदान करेंगे। देश के लोगों को पता है कि प्रधान मंत्री ने महान कार्य किये है और कर रहे हैं और वे [विपक्ष] क्या कर रहे हैं।”

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *