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    लीबिया में संघर्ष

    अमेरिका के व्हाइट हॉउस ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पूर्वी लीबिया के कमांडर जनरल हफ्तार से बातचीत की थी। हफ्तार की सेना ने त्रिपोली को नियंत्रण के करने के लिए आक्रमक अभियान की शुरुआत की थी। सोमवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने आतंकवाद के खात्मे के हफ्तार के प्रयासों और लीबिया के तेल की सुरक्षा को मान्यता दी और लीबिया के भविष्य के बाबत चर्चा की थी।

    त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का नियंत्रण है। हफ्तार को डोनाल्ड ट्रम्प की कॉल का मतलब समर्थन निकलता है। तीन सप्ताह पहले शुरू हुई लड़ाई में अभी तक 200 लोगो की मृत्यु हो चुकी है। हफ्तार की सेना के आक्रमण के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शांत रहने पर प्रधानमंत्री फ़ाएज़ अल सेरराज ने इसकी आलोचना की है।

    संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रधानमंत्री फायेज अल-सेराज ने जनरल हफ्तार की सेनाओं द्वारा किए गए हमले के बीच अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों की ‘चुप्पी’ की गुरुवार को निंदा की।

    लंबे समय तक लीबिया पर शासन करने वाले शासक मुअम्मर गद्दाफी के 2011 में सत्ता से बेदखल होने और मारे जाने के बाद से लीबिया में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है।

    नया संकट तीन सप्ताह पहले तब शुरू हुआ जब जनरल हफ्तार की सेनाएं त्रिपोली को कब्जे में लेने के लिए उसकी धरती पर उतरीं जिसे सेराज ने तख्तापलट का प्रयास बताया।

    जनरल हफ्तार की सेना विभिन्न दिशाओं से शहर के बाहरी इलाके में आगे बढ़ रही है और उनका कहना है कि उन्होंने त्रिपोली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में कर लिया है।

    व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप और जनरल हफ्तार ने ‘लीबिया को एक स्थिर, लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रणाली में परिवर्तित करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण पर चर्चा की।’

    क्या हफ्तार को ट्रम्प का समर्थन है ?

    व्हाइट हॉउस ने बताया कि जनरल हफ्तार से डोनाल्ड ट्रम्प की चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने  लीबिया में स्थिर और लोकतान्त्रिक राजनीतिक प्रणाली पर नजरिये को साझा किया था।” बीबीसी के मध्य एशिया के संपादक एलन जोहन्सटन ने मुताबिक, यह कॉल हफ्तार के पीछे ट्रम्प के समर्थन को उजागर करता है।

    जनरल हफ्तार के विपक्षियों के मुताबिक, वे देश पर तानाशाह की तरह हुकूमत करेंगे। लीबिया में संघर्षविराम के ब्रिटेन के यूएन में प्रस्तावित मसौदे को रूस सहित अमेरिका ने भी ख़ारिज कर दिया था।

    सरकार समर्थित सेना हफ्तार के लड़ाकों से जांद लड़ते हुए। (स्त्रोत: बीबीसी)

    रायटर्स के मुताबिक, रूस ने प्रस्ताव की भाषा पर आपत्ति जताई थी जिसमे हफ्तार को हिंसा के लिए जिम्मेदार माना गया था। वही अमेरिका ने को वाजिब वजह नहीं दी है। जनरल हफ्तार को मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात का समर्थन है और त्रिपोली पर हमले की ऐलान से पूर्व वह सऊदी अरब की यात्रा पर गये थे।

    त्रिपोली सरकार को किसका समर्थन ?

    अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार को पूर्व उपनिवेशवाद ताकत इटली का समर्थन है। ब्रिटेन के विदेश सचिव जेरेमी हंट ने भी कहा था कि जनरल हफ्तार का त्रिपोली पर आक्रमण की कोई दोषमुक्ति नहीं है।

    शुक्रवार को ब्रितानी सचिव ने अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ से मुलाकात की थी और दोनों ने हिंसा को खत्म करने के लिए और राजनीतिक प्रक्रिया की पटरी पर वापसी के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी रखने पर रज़ामंदी जाहिर की थी।

    कौन है जनरल हफ्तार ?

    जनरल हफ्तार सेना के पूर्व अधिकारी है और उन्होंने साल 1969 में सत्ता पर नियंत्रण के लिए कर्नल गद्दाफी की मदद की थी और इसके बाद उन्हें अमेरिका में निर्वासित होना पड़ा था। साल 2011 में वह मूल लौटे जब गद्दाफी के खिलाफ विद्रोह चरम पर था और एक विद्रोही कमांडर बन गए।

    गद्दाफी की मृत्यु के बाद उन्हें शुरुआत में यूएन समर्थित प्रशासन के तहत लिबयन नेशनल आर्मी का प्रमुख चयनित किया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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