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    भारतीय रेलवे

    जैसा कि हम सब जानते हैं की भारतीय रेल पूरे विश्व में सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। समय के साथ यह बढ़ता ही चला गया। भारत सरकार ने भी इसमें काफी योगदान दिया है।

    हर साल बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा इसके नवीकरण में लगता है। इसी के चलते यह हमारे देश में बहुत लोग को रोज़गार प्रदान करता है।

    इसी के चलते हर साल इसमें बढ़ोतरी होती रहती है एवं भारतीय रेल देशभर में रेल नेटवर्क का जाल बिछाने में जुटी हुई है।

    हाल ही में रेल राजयमंत्री राजेश गोहेन ने संसद में हर राज्य‍ में रेल लाइनों के विस्‍तार से संबंधी लिखित आंकड़ा सरकार के सामने पेश किया।

    संसद के बुधवार सत्र में एक प्रशन के जवाब में रेल मंत्री राजेश गोहेन ने कहा कि, “रेलवे परियोजनाओं के पूरा होने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और केंद्रीय मंत्रालयों जैसे भूमि अधिग्रहण, वन और वन्यजीवन जैसी वैधानिक मंजूरी, उपयोगिताओं के स्थानांतरण आदि की मंजूरी की आवश्यकता है।

    रेलवे बजट में नई लाइनें बनाने का निर्णय किया गया है।” जिसके मुताबिक पूरे देश भर में लगभग 200 नई रेल पटरियां लगाई जाएंगी।

    इस पर सरकार ने भी अपनी राय रखी है। रेल के मुद्दे पर कहते हुए सरकार ने कहा कि, “रेलवे ने स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत 2017-18 में 21 ग्रीन कोरिडोर बनाए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारतीय रेलवे अपने कोचिंग स्टॉक में जैव-शौचालयों को बढ़ा रहा है ताकि कोच से ट्रैक पर कोई मानव अपशिष्ट नहीं छोड़ा जा सके।”

    पुरे देश में बिछाई जा रही पटरियों के लिहाज़ से देखा तो जाए सबसे ज़्यादा पटरियां बिहार में बिछाई जा रहीं है। बिहार में लगभग 34 नई लाइन बिछाई जा रही है।

    इसके अलावा असम और उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में 15 और झारखंड उत्तर प्रदेश में 14 -14 लाइंस बिछाई जा रहीं है।

    इसके अलावा रेल राज्य मंत्री ने कहा कि, “कि जैव-शौचालयों के फिटनेस के फायदे के प्रदर्शन के लिए 2016-17 में छह ग्रीन कोरिडोर कार्यान्वित किए गए और 2017-2018 में 21 कार्यान्वित हुए।

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