Fri. Apr 19th, 2024

    आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए पहल की है। इस पहल के तहत श्री श्री ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चीफ वसीम रिज़वी से मुलाक़ात की है। इस मुलाक़ात के बाद वसीम रिज़वी ने मीडिया से कहा कि श्री श्री रविशंकर का पूरा देश सम्मान करता है, मुझे उम्मीद है कि अब राम मंदिर का मुद्दा सुलझ जायेगा।

    राम मंदिर जल्द बने

    मीडिया के साथ बातचीत के दौरान शिया वक्फ बोर्ड के चीफ वसीम रिज़वी ने कहा कि मैंने श्री श्री रविशंकर से बातचीत की है, उनसे मैने अपील की है कि इस मामले में जो लोग सहमत नहीं हो उन्हें इस मामले से दूर रखना चाहिए। केवल उनसे बातचीत करनी चाहिए जो इस मामले को सुलझाना चाहते हो और समझौता करने के इच्छुक हो। वसीम रिजवी ने आगे कहा कि इस मामले में आवाम सहमत है और हमारे साथ है, जो मौलाना सहमत नहीं है उन्हें तवज्जो नहीं देनी चाहिए। ऐसे मौलाना केवल फसाद पैदा करने का काम करते है। ऐसे लोगो का कोई कानूनी आधार नहीं है। पुरे देश का मुसलमान शांति चाहता है, इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।

    शिया वक्फ बोर्ड के चीफ वसीम रिजवी ने कहा कि हम चाहते है कि अयोध्या में राम मंदिर बने। वसीम रिज़वी ने आगे कहा कि बाबरी मस्जिद शियाओ की है और शिया वक्फ बोर्ड इस मामले में एक पार्टी है। इतने सालो की चुप्पी के बाद बोलने पर उनसे जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम इतने वक़्त तक खामोश रहे, इसका कटाई ये मतलब नहीं है की हम इस मामले में नहीं बोलेंगे और हमारे अधिकार की बात नहीं करेंगे।

    श्रीश्री ने की पहल

    आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री इस मामले में दोनों तरफ के पक्षों से बात कर चुके है, खबरे थी की उन्होंने बाबरी एक्शन कमेटी के सदस्यों और निर्मोही अखाडे के लोगो से बात की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ समय पहले इस मामले को कोर्ट से बाहर सुलझाने का सुझाव दिया था। इसी राह पर चलते हुए आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने इस मामले को न्यायालय से बाहर सुलझाने की पहल की है।

    हिंदूमहासभा का इनकार

    राम जन्मभूमि विवाद में श्रीश्री रविशंकर की मध्यस्थता को हिंदूमहासभा ने अस्वीकार कर दिया है। हिन्दू महासभा का कहना है कि वे खुद कभी राम जन्म-भूमि के लिए मैदान में नहीं आये है तो वे कौन होते है इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने वाले। हिन्दू महासभा ने श्रीश्री रविशंकर के इस कदम को अस्वीकारते हुए इस कदम को राजनैतिक प्रेरित बताया है।

    हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना शर्मा ने मीडिया में बयान जारी करते हुए श्रीश्री की मध्यस्थता का विरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि श्रीश्री ने कभी भी राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष नहीं किया है। हिन्दू महासभा ने आरोप लगते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी राम मंदिर बनाने का प्रयास नहीं किया और ना ही राम मंदिर के किसी आंदोलन में हिस्सा लिया है।

    इससे पहले बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने भी श्रीश्री के मध्यस्थता को अस्वीकार किया था, उन्होंने कहा था कि जो कभी पक्षधर ही नहीं रहा वो मध्यस्थता कैसे कर सकता है।