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    रक्षा मंत्री: बोफोर्स ने कांग्रेस को डुबा दिया, राफेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में वापस लाएगा

    रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में राफेल जेट सौदे पर एक तीखी बहस में दो घंटे के जवाब में कांग्रेस के ऊपर 126 जेट विमानों के लिए पहले सौदे को रद्द करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इन्हे ‘पैसा नहीं मिला’ और अपने ‘राजकोष की सुरक्षा’ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी की। कोई कमी ना छोड़ते हुए, मंत्री ने बोफोर्स घोटाले का भी जिक्र किया जिसने 1986 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता-राजीव गांधी को सत्ता से गिराया और कहा-“बोफोर्स एक घोटाला था, राफेल नहीं है। यह निर्णय राष्ट्रीय हित में है। बोफोर्स के कारण वे एक चुनाव हार गए। राफेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वापस सत्ता में लाएंगे।”

    इसके जवाब में, राहुल गाँधी ने सीधा पीएम कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा-“मैं रक्षा मंत्री पर इलज़ाम नहीं लगा रहा हूँ। मैं राफेल घोटाले में नरेंद्र मोदी की मौजूदगी पर इलज़ाम लगा रहा हूँ।”

    राफेल सौदे से जुड़े आरोप, मुख्य रूप से यह कि पीएम मोदी ने अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ का ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट जिताने के लिए 36 विमानों के लिए एक नया और अधिक कीमत वाला सौदा किया, कांग्रेस के तीन राज्यों में चुनाव जीतने का मुख्य कारण था। क्योंकि पार्टी ने इसी इलज़ाम को अपने प्रचार का एजेंडा बनाया था। आरोपों को दोहराने वक़्त बुधवार को राहुल गांधी ने “एए” का जिक्र किया। सरकार ने आज आश्वस्त किया कि ऑफसेट भागीदारों को चुनने में उन्होंने कोई भूमिका नहीं निभाई है।

    रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहे भूमि घोटाले और ओटावियो क्वात्रोच्चि जिन्हें कथित बोफोर्स बिचौलिया कहा जाता है, इन दोनों का जिक्र करते हुए कहा-“हर एए के लिए एक आरवी और एक क्यू भी है।”

    निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा की गई सौदेबाजी इस वजह से नहीं चली क्योंकि यह पार्टी को पसंद नहीं आई। “इस सौदे से आपको पैसे नहीं मिले। एक रक्षा सौदे और रक्षा में काम करने के बीच फर्क होता है। हम रक्षा सौदे नहीं करते हैं। हम सुरक्षा में सौदा, राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाने के अनुसार करते हैं।”

    सीतारमण ने यह भी बताया कि यूपीए की तुलना में सरकार का यह सौदा सस्ता है। उन्होंने कहा, “बेसिक राफेल विमानों की कीमत 670 करोड़ रुपये है, जो कि यूपीए के सौदे की तुलना में नौ प्रतिशत सस्ता है। वो 737 करोड़ रुपये थी।”

    उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले सौदे के विपरीत, जो कभी भी अमल में नहीं आया, पहले राफेल विमानों की डिलीवरी सितंबर 2019 में होगी और अंतिम 36 जेट विमानों की डिलीवरी 2022 में होगी।

    राहुल गांधी ने पिछली डील को खत्म करने का जिक्र करते हुए पूछा: “जब यह बाईपास सर्जरी पीएम ने की थी, तो क्या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई? क्या आप इसका जवाब हां या ना में दे सकते हैं?”

    कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी का नाम पीएम मोदी ने एक ऑफसेट भागीदार के रूप में सुझाया था।

    पीएम मोदी को ‘चोर’ और खुद को झूठा कहे जाने पर रक्षा मंत्री ने अंत में भावुक होकर कहा-“मेरे पास डींगे मारने के लिए खानदान नहीं है। मैं एक साधारण पृष्ठभूमि से आती हूँ, मैं अपनी इज्ज़त के साथ आती हूँ, पीएम आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से आते हैं … और आप उन्हें चोर बुलाते हैं? क्या आप उन्हें गले लगने के बाद और अपनी सीट पर बैठकर आँख मारने के लिए मांफी मांगते हैं?”

    इससे पहले राहुल गाँधी ने घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी इस साल के राष्ट्रीय चुनाव में सत्ता में आई तो राफेल सौदे की आपराधिक जाँच होगी।

    विपक्ष राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति की जांच चाहता है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सरकार को क्लीन चिट दे दी थी।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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