Sat. Apr 20th, 2024

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) सक्रिय रूप से शामिल था और कहा कि उनके पास गिरफ्तार किए गए, 25 पीएफआी सदस्यों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।

    यह जानकारी उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने शुक्रवार को दी है। उन्होंने कहा है, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) इसमें (हालिया हिंसा) सक्रिय रूप से शामिल था। यही कारण है कि हमने उनके 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।

    ज्ञात हो, इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में हुई सीएए विरोधी हिंसा में पीएफआई का हाथ होने के संदेह को लेकर गृहमंत्रालय से पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग भी की थी।

    उत्तर प्रदेश डीजीपी ने मंगलवार को कहा था कि, गृहमंत्रालय से लिखित में पीएफआई को प्रतिबंधित किए जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश में पीएफआई प्रमुख वसीम समेत संगठन के 16 अन्य कार्यकर्ताओं को लखनऊ में सीएए विरोधी हिंसा का मास्टरमाइंड होने के आरोपों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

    पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भी 19 दिसंबर को पीएफआई के 14 सदस्यों सहित 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जो कथित रूप से सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर सभाओं को उकसाने का प्रयास कर रहे हैं।

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