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    पाकिस्तानी पीएम

    संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मामले पर लड़ाई के लिए देशवासिय द्वारा दुआ करने के लिए उन्होंने रविवार को शुक्रिया कहा है। इस्लामाबाद एअरपोर्ट पर इमरान खान की न्यूयोर्क से वापसी पर वहां मौजूद समर्थको से उन्होंने कहा कि “सबसे पहले मैं अपने राष्ट्र को शुक्रिया कहना चाहता हूँ। जिस तरीके से आपने हमारे लिए दुआएं की ताकि यूएन में एक मुश्किल भरे वक्त के दौरान कश्मीर के लिए लड़ाई लड़ सके।”

    खान ने राष्ट्र को शुक्रिया कहा

    उन्होंने कहा कि “मैं खासकर बुशरा बेगम को शुक्रिया कहना चाहूँगा क्योंकि उन्होंने हमारी सफलता के लिए दुआ की थी।अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर मामले पर मात खाने के बावजूद खान ने शुक्रवार को यूएन संबोधन में भारत के खिलाफ परमाणु जंग के भयानक परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।

    उन्होंने कहा कि “अगर दोनों देशो के बीच एक पारंपरिक युद्ध शुरू हो गया तो कुछ भी हो सकता है। अपने पड़ोसी से सात गुना छोटा देश क्या करेगा, या तो समर्पण करेगा या अंत तक युद्ध करेगा। मेरे ख़याल से अगर हम लड़ेंगे और दो परमाणु समपन्न देश लड़ते हैं तो इसके परिणाम सीमा के पार तक महसूस किये जाते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “मैं आपको चेतावनी दे रहा हूँ। यह कोई धमकी नहीं है बल्कि चिंता है कि हम किसी तरफ बढ़ रहे हैं। इस मामले को अनदेखा करने का आरोप खान ने वैश्विक समुदाय पर लगाया क्योंकि भारत 1.2 अरब लोगो का उभरता हुआ बाजार है।”

    उन्होंने कहा कि “हम कश्मीर के साथ खड़े हैं चाहे वैश्विक समुदाय उनके सतह खड़ा हो या न हो, यह अन्याय के खिलाफ जिहाद है।  मैं आपको एक चीज समझाना चाहता हूँ कि जंग में उतार चढाव होते हैं। आपको बुरे वक्त से हताश नहीं होना चाहिए। कश्मीर की जनता आपकी तरफ देख रही है। जब तक आप उनके साथ है , वे लड़ेंगे और आज़ादी हासिल करेंगे।”

    इमरान खान ने यूएन के सम्मेलन के इतर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूँ। अगर अगर 80 लाख यूरोपीय या यहूदी या आठ अमेरिकी नागरिको को भी कैद में रखा जाता, क्या तब भी प्रतिक्रिया ऐसी ही उदासीन होती। मोदी पर इस कर्फ्यू को हटाने का कोई दबाव नहीं है।”

    उन्होंने कहा कि “हम दबाव बनाना जारी रखेंगे वहां 900000 सैनिक क्या कर रहे हैं? एक बार अगर कर्फ्यू हट गया तो खुदा ही जानता है वहां क्या होगा। आपको क्या लगता है कि कश्मीर के नागरिक चुपचाप अपने मुल्क पर अधिग्रहण को स्वीकार कर लेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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