Fri. Apr 19th, 2024
    संघ के प्रमुख मोहन भागवत

    विजय दशमी के उपलक्ष्य में राष्ट्रसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए कहा है कि रोहिंग्या अपने ही देश के लिए ही खतरा है, तो हमारे देश के लिए भी खतरे का विषय है। भागवत ने म्यांमार से आये रोहिंग्या मुसलमानो पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि रोहिंग्याई यहाँ क्यों है? उन्हें अपना देश क्यों छोड़ना पड़ा। म्यांमार ने रोहिंग्या पर बड़ा कदम उठाया है, अगर उन्हें कहीं भी शरण दी जाती है, चाहे वह मानवता के आधार पर हो या चाहे सुरक्षा के आधार पर यह अच्छा नहीं होगा। आगे भागवत ने कहा कि अगर रोहिंग्याई लोगो को यहाँ रहने की अनुमति दी जाती है तो यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा होगा।

     

    नागपुर मुख्यालय में विजय दशमी के मौके पर भागवत ने शस्त्र पूजन किया उसके बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार की तारीफ की और साथ ही अलगाववादियों को लेकर भी बयान दिया। सभा में भागवत ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आतंकियों को खत्म करने की रणनीति का सकारत्मक असर जमीन पर दिखने लगा है। जिस मजबूती के साथ आतंकियों से और सीमा पार फायरिंग से सरकार निपट रही है, वह तारीफ के काबिल है। आगे भागवत ने कहा कि जिस प्रकार मोदी सरकार कश्मीर में अलगाववादियों को हैंडल किया है, उसका असर दिख रहा है। अलगाववादियों के अवैध आर्थिक स्त्रोतों को खत्म कर सरकार ने उसके झूठे प्रोपोगेंडा और भड़काऊ कार्यवाई को नियंत्रित किया है।

     

    अपने भाषण के शुरू में व्यक्त किया मुंबई हादसे का दुःख

    भागवत ने अपने भाषण के शुरुआत में मुंबई में हुए हादसे पर दुःख प्रकट किया और कहा कि मुंबई भगदड़ में मारे गए लोगो और घायलों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। आगे उन्होंने कहा की ऐसी घटनाओ को भूलकर हमे आगे बढ़ना होगा।

     

    कश्मीरियों के लिए और प्रयास की जरुरत

    आरएसएस प्रमुख भगवत ने कहा कि कश्मीर को भारत में एकीकृत करने के लिए भारत सरकार को और ज्यादा प्रयास की जरुरत है। कश्मीरियों को मानवता महसूस होनी चाहिए। स्वस्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं भी कश्मीर नहीं पहुँच पा रही है। दो-तीन महीने पहले चीज़ें अनिश्चित थी, लेकिन जिस तरह अलगाववादियों को हैंडल किया है। पुलिस और आर्मी को खुली छूट मिली है।

     

    कश्मीर में पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन की जरूरत

    भागवत ने कश्मीर पर आगे कहा की कश्मीर में अलगाववादियों के आर्थिक स्त्रोत खत्म कर दिए है, और पकिस्तान के साथ उनका रिश्ता उजागर हो गया है, जिसका सकारत्मक परिणाम देखने को मिला है, उन्होंने कहा कि कश्मीर पर ढृढ़ता का स्वागत है। लेकिन लद्दाख, जम्मू सहित सम्पूर्ण राज्य में भेदभावरहित, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशाशन की जरूरत है।

     

    डोकलाम पर सख्ती से भारत की ताक़त दिखी

    संघ प्रमुख ने चीन के साथ हुए सीमा विवाद पर भी बोला उन्होंने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर सरकार ने गजब सख्ती दिखाई, जिसके चलते आखिरकार मामला शांत हुआ। इससे भारत की ताक़त दिखी, और इससे उजागर हुआ भारत सशक्त है।

     

    गौरक्षा का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है

    गौरक्षा के मुद्दे पर संघ प्रमुख ने कहा कि इसे हिंसा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मुस्लिम भी गौरक्षक है और उनपर भी हमले हुए है। गौ रक्षा के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए। रक्षा और सतर्कता का कुछ लोगो ने दुरूपयोग किया है।

     

    गौ तस्कर लोगो को मार रहे है

    भागवत ने कहा कि बहुत सारे लोग गौ तस्करों के द्वारा मारे जा रहे है। हमे यह मुद्दा धर्म से हटकर देखना होगा। बहुत सारे मुस्लिमो ने गौरक्षा के लिए अपनी जान दी है। गाय की रक्षा बजरंग दल के लोगो की तरह होनी चाहिए। छोटे किसानो की खुशहाली के लिए गाय बहुत जरुरी है। संविधान में भी गौ रक्षा का उल्लेख है। आगे भागवत ने कहा कि केरल और बंगाल में क्या हो रहा है सबको पता है। जिहादी ताकते वहां सक्रिय है। लोग विरोध कर रहे है, राज्य सरकार अपना दायित्व नहीं निभा रही है।