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    मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद

    मालदीव में राजनीतिक संकट के बाद हालात सुधरने लगे हैं। मालदीव से निर्वासित और कैद में बंद नेताओं को आज़ादी मिल रही है। आखिरकार अब्दुल्ला यामीन की तानाशाही का अँधेरा छंटता नज़र आ रहा है।

    मालदीव की अदालत ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की 13 साल की कैद की सज़ा को निरस्त कर दिया है। अदालत के इस फैसले से राष्ट्रपति के मालदीव वापसी के लिए द्वार खुल गए हैं।

    नशीद नें जेल से रिहा होने के बाद अपनी पत्नी से तस्वीर ट्विटर पर शेयर की और अपनी आजादी की घोषणा की।

    हाल ही मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनावों में विपक्षी दलों के गठबंधन के साझे उम्मीदवार इब्राहीम सोलिह ने राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हरा दिया था

    राष्ट्रपति यामीन के कार्यकाल के बाद से मोहम्मद नशीद कोलम्बों में निर्वासित हैं। मोहम्मद नशीद ने बताया कि जेल की सज़ा निरस्त होने के निर्णय से वह बेहद संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि तीन वर्षो के वनवास के बाद में लोकतंत्र का उजाला देखने अपने देश वापस जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मालदीव में लोकतंत्र अब अधिक मज़बूत हो गया है और अब सत्ता का हस्तांतरण होगा।

    मोहम्मद नशीद और इब्राहिम सोलिह बुधवार को कोलम्बों पहुंचेगे। मोहम्मद नशीद ने कहा कि हाँ, मैं उनके साथ वापस जाऊंगा और मैं बेहद खुश हूं कि कितने समय बाद मैं अपने परिजनों से मुलाकात करूँगा। उन्होंने कहा कि मेरा एक दक्षिण एशियाई परिवार से नाता है तो बहुत रिश्तेदार और दोस्त है, जिनसे आखिरकार मुलाकात हो पाएगी।

    अब्दुल्ला यामीन ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अधिकतर आला नेताओं को या तो देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया या जबरन सलाखों में बंद करवा दिया था। तानाशाही के दौर में इब्राहीम सोलिह ने विपक्षी दलों को एकजुट किया और तानाशाही का जबरदस्त विरोध किया था।

    इब्राहीम को इसी सहस का परिणाम चुनावो में जीत से मिला था। हालांकि राष्ट्रपति यामीन ने सत्ता पर आसीन रहने के लिए कई तिकड़म भिड़ायें लेकिन आखिरकार उनके अत्याचारों का अंत हुआ।

    अदालत ने मंगलवार को सरकार, पुलिस और जेल विभाग को आदेश दिया कि पूर्व राष्ट्रपति की 13 वर्ष की सज़ा को निरस्त कर दिया जाए। हालांकि प्रतिद्वंदी इस फैसले के खिलाफ अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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