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    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा, की यह जनता का आधिकार हैं की वे जाने, 1945 में टोक्यो एयर क्रेश के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ क्या हुआ।

    ममता बनर्जी ने कहा, “2015 में इसी दिन हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी सभी फाइलों को जनता के लिए प्रदर्शित किया, जिससे वे उनके चहिते नेताजी के बारें में और जान सकें। लेकिन तैहोकु एयर क्रेश के बाद क्या हुआ, जनता यह जानना चाहती हैं।”

    आपको बतादे, ममता बनर्जी की नेतृत्ववाली पश्चिम बंगाल सरकार ने 2015 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी 64 फाइल्स को मंत्रालय के गृह विभाग में जनता के लिए प्रदर्शित किया था। उसके बाद रिसर्चर और लेखक अनुज धार ने नेताजी से जुडी और भी फाइल्स मुख्यमंत्री कार्यालय में होने की आशंका जताई थी।

    बोस परिवार के कुछ सदस्य और कुछ संशोधक भी यह मानते हैं की तायपेई की तैहोकु एअरपोर्ट पर 1945 में हुए प्लेन क्रेश में सुभाष चन्द्र बोस की मौत हो गयी थी। हालाँकि परिवार के बाकि सदस्य और ज्यादातर संशोधक इस प्लेन क्रेश को नाकारते हैं।

    नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी, अनीता बोस ने पिछले महीने में भारत सरकार से अनुरोध किया था की वे जापान से नेताजी के अस्थियों को भारत लायें। उनके अनुसार, नेताजी बोस की मौत तायपेई की तैहोकु एअरपोर्ट पर 1945 में हुए प्लेन क्रेश में हो गयी थी, लेकिन उनके शरीर को जापान के रेंकोजी टेम्पल में संरक्षित कर रखा गया हैं।

    “मेरे पिताजी के इच्छा थी कि वे आजाद भारत में लौटे, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी यह इच्छा पूरी न हों सकी। अगर उनकी अस्थियों को भारत लाया जाए और अगर उनकी अस्थियाँ भी अगर आजाद भारत की जमीन को छुं लेती हैं, तो उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरे पिता एक हिन्दू थे, हिन्दू रीतिरिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति के अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने के बाडी उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। मेरा अनुरोध हैं की यह(अस्थि विसर्जन) पूरा किया जाए।”

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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