भोपाल, 7 जुलाई (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ आम लोगों की समस्या के निपटारे के लिए जन-अधिकारी कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री कमलनाथ हर माह के दूसरे मंगलवार को सभी जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सीधे संवाद कर लोगों की समस्याओं का निपटारा करेंगे।
रविवार को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में जनसमस्याओं के निपटारे के लिए पूर्व में चल रहे समाधान ऑनलाइन, सी.एम. हेल्पलाइन एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम के परिणाम संतोषप्रद न होने पर यह संवाद आधारित कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है, जिससे लोगों की समस्याओं और शिकायतों का त्वरित संतोषप्रद और सुनिश्चित निराकरण हो सके। इस कार्यक्रम की शुरुआत नौ जुलाई से हो रही है।
जानकारी के अनुसार, नये कार्यक्रम की मूल अवधारणा प्रदेश की जनता की प्रमाणिक सद्भावनापूर्ण शिकायतों और समस्याओं का निराकरण करना अधिकार है। इस अधिकार के संरक्षण एवं समर्थन के लिये वर्तमान राज्य सरकार प्रतिबद्घ है। यह कार्यक्रम हर माह के दूसरे मंगलवार को होगा, मंगलवार को अवकाश होने की स्थिति में इसे अगले कार्यदिवस पर आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में पूर्व में दिए गए निर्देशों की लगातार समीक्षा हेागी।
जन-अधिकार कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान सभी जिलों के डीएम, पुलिस अधीक्षक और जिला स्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। संभागीय मुख्यालयों पर आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और संभाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। राज्य स्तर पर जिन विभागों के प्रकरणों को समीक्षा में शामिल किया गया है उनके अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहेंगे।
जन-अधिकार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को समय-समय पर प्राप्त होने वाली शिकायतें, जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, सी.एम. हेल्पलाइन एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त प्रमाणित शिकायतों में चिह्नित शिकायतों को समीक्षा में लिया जाएगा। कार्यक्रम में चिह्नित कर शामिल की गईं प्रमाणिक शिकायतों के शिकायतकर्ता को शामिल किया जाएगा। यह शिकायतकर्ता संबंधित जिले के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में उपस्थित रहेंगे और मुख्यमंत्री से सीधे संवाद करेंगे।
राज्य शासन द्वारा सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और जिला अधिकारियों से कहा गया है कि मुख्यमंत्री जन-अधिकार कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और सम-सामयिक महत्व के विषयों पर भी चर्चा करेंगे। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी आवश्यक जानकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में उपस्थित रहेंगे।