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भोपाल, 4 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी अघोषित बिजली कटौती और भाजपा के हमलावर रुख ने कमलनाथ सरकार की नींद उड़ा दी है। जबकि सरकार बिजली सरप्लस होने का दावा कर रही है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो-तीन घंटे तक अघोषित बिजली कटौती हो रही है। इसे लेकर भाजपा ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए हैं। भाजपा के तमाम नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि बिजली बिल आधा करने का वादा करके आई कमलनाथ सरकार ने बिजली की आपूर्ति ही आधी कर दी है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को बिजली समस्या को लेकर ऊर्जा विभाग के अािधकारियों के साथ बैठक की और कहा कि “सरप्लस बिजली होने के बाद भी कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता को व्यवस्थागत कारणों से परेशानी हो तो सरकार इसे बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करेगी।”

उन्होंने कहा, “अघोषित बिजली कटौती बिल्कुल न हो और तकनीकी खराबियों को प्रशिक्षित अमला तत्काल ठीक करे, इसकी चाक-चौबंद व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जून माह में विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार दिखना चाहिए।”

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “यह बेहद गंभीर है कि राज्य में पर्याप्त बिजली होने के बाद भी कटौती हो रही है। ऊर्जा विभाग को अपनी संपूर्ण कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं में आमूल-चूल परिवर्तन लाना होगा। बिजली उपकरणों की खरीदी में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। बेहतर उपकरण खरीदे जाएं।”

मुख्यमंत्री ने इसके लिए बिजली वितरण, सुधार तथा हर स्तर पर तैनात अमले को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिकारी उन राज्यों में जाएं, जहां विद्युत आपूर्ति का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री कमनाथ ने कहा, “तकनीकी खराबियों पर पूर्णत: अंकुश लगाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर तय समय सीमा में सुधार लाया जाए। निम्न दाब विद्युत प्रणाली तथा उपभोक्ता के घरों में जाने वाले बिजली के कनेक्शन वाले विद्युत तारों का नियमित मेंटेनेंस किया जाए।”

उन्होंने मेंटेनेंस के लिए होने वाली कटौती की पूर्व सूचना देने और आम उपभोक्ता की सुविधा से समय निर्धारित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर की क्षमता बढ़ाते हुए उपभोक्ता सेवाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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