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    भोपाल, 26 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में अब प्रधानमंत्री आवास योजना की मालकिन परिवार की महिलाएं होंगी, अभी तक राज्य में इस योजना के तहत बने मकान के प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्री पुरुषों के नाम पर होती रही है, मगर अब ऐसा नहीं होगा।

    राज्य की वर्तमान सरकार ने इस साल लगभग साढ़े पांच लाख प्रधानमंत्री आवास बनाकर प्रमाण-पत्र वितरित करने का लक्ष्य रखा है, बीते साल अर्थात वर्ष 2018 में साढ़े तीन लाख आवास के प्रमाण-पत्र ही बांटे जा सके थे। सत्ता बदलाव के बाद नई सरकार ने आवास के प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्री के मामले में बड़ा बदलाव किया है।

    राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत है, इसी क्रम में अब प्रधानमंत्री आवास के प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्री परिवार के पुरुष की बजाय आवदेन करने वाले परिवार की महिलाओं के नाम पर जारी किए जाएंगे।”

    पटेल ने आगे कहा, “महिलाएं परिवार को चलाने में ज्यादा अहम भूमिका निभाती है और किसी भी चीज को सहेज कर रखने में महारत होती है, लिहाजा सरकार ने अब प्रधानमंत्री आवास महिलाओं के नाम ही करने का निर्णय लिया है, इसके संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है।”

    सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए दिशा निर्देशों के मुताबिक, आवास के प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्री महिलाओं के नाम किए जाने का प्रावधान है, मगर पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। अब कांग्रेस की सरकार इस पर अमल करने जा रही है। मगर मंत्री पटेल कहते हैं कि ऐसा कोई नियम केंद्र का नहीं है, बाध्यता नहीं है, मगर राज्य की सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है, इसलिए यह पहल की जा रही है।

    पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने पीएम आवास योजना के मकानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री की तस्वीरों वाले टाइल्स लागने का फैसला लिया था, जिसे वर्तमान सरकार ने बदल दिया है। अब किसी भी आवास में तस्वीरों वाले टाइल्स नहीं लगाए जाएंगे।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर परिवार को छत दिलाने के लिए मई 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना को अमल में लाया था। इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक हर परिवार को छत देने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में ढाई लाख रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें केंद्र का हिस्सा डेढ़ लाख और राज्य का हिस्सा एक लाख होता है। यह संपूर्ण रािश तीन किश्तों में दी जाती है। इतना ही नहीं आवास के लिए बैंक से कर्ज लेने वालों को सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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